Importance Of Dhanteras 2020 महान चिकित्सक थे भगवान धन्वंतरि, पूजा का मिलता है यह अमोघ फल
दीपोत्सव के पहले दिन धनतेरस मनाई जाती है जोकि भगवान धन्वंतरि को समर्पित है. देवताओं के वैद्य अश्विनी कुमार के अवतार माने जाते धन्वंतरि समुद्र से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। उन्हें आयुर्वेद का परिचायक भी बताया जाता है।

जयपुर. दीपोत्सव के पहले दिन धनतेरस मनाई जाती है जोकि भगवान धन्वंतरि को समर्पित है. देवताओं के वैद्य अश्विनी कुमार के अवतार माने जाते धन्वंतरि समुद्र से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। उन्हें आयुर्वेद का परिचायक भी बताया जाता है। धनतेरस पर धन्वंतरि पूजने से निरोगता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि विधिविधान से धन्वंतरि पूजा करने से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है। आयुर्वेद का पूरा लाभ लेने के लिए उनकी पूजा अवश्य करनी चाहिए। यदि किसी बीमार व्यक्ति पर दवा का कोई असर नहीं हो रहा है तब धन्वंतरि की पूजा से लाभ होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर भी धन्वंतरि पूजन फलदायी होता है।
धन्वंतरि पूजा में औषधियां अर्पित करनी चाहिए। उन्हें तुलसी भी अर्पित की जाती है। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार पूजा में मंत्र जाप त्वरित फल देते हैं। भगवान धन्वंतरी की पूजा में उनके सरल मंत्र : ॐ धन्वंतरये नमः॥ का जाप करें। इसके साथ ही निम्न स्तति का पाठ भी कर सकते हैं—
ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतरये
अमृतकलशहस्ताय सर्वभयविनाशाय सर्वरोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूपाय
श्रीधन्वंतरीस्वरूपाय श्रीश्रीश्री औषधचक्राय नारायणाय नमः॥
ॐ नमो भगवते धन्वन्तरये अमृतकलशहस्ताय सर्व आमय
विनाशनाय त्रिलोकनाथाय श्रीमहाविष्णुवे नम: ||
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