आए दिनों स्कूलों की दिवार ढहने से हो रहे हादसों के बाद भी प्रशासन का जर्जर हो चुकी स्कूलों पर अभी भी ध्यान नहीं है। ऐसा ही एक मामला बूंदी जिले के नोताडा पंचायत स्थित लक्ष्मीपुरा विधालय का हैं, जहां एक कमरे की पट्टी में आई दरार के चलते कभी भी टूटने की आशंका बनी हुई है। हालांकि टूटने की आशंका के चलते स्कूल स्टाफ ने बच्चों को कमरे में बिठाना बंद कर दिया है। विद्यालय में 47 बच्चों का नामांकन है और चार कमरे बने हैं। एक कमरे में पोषाहार सामग्री रखी हुई है और पोषाहार बनाने में काम आता है। दूसरे की पट्टी क्षतिग्रस्त है। ऐसे में अब सारी कक्षाओं के बच्चों को दो कमरो मे बैठाकर पढ़ाई करानी पड़ रही है। स्टाफ का कहना हैं इस मामले में कई बार प्रशासन को अवगत करा चुके हैं, लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई
केंद्र सरकार से बजट नहीं मिल पाने के कारण कक्षा भवन ही नहीं बल्कि बालिकाओं के छात्रावास भी नहीं बन पाए हैं। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए फिलहाल 204 पंचायत समितियों में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय संचालित है। इनमें से 24 में छात्रावास चल रहे हैं। शेष 67 वंचित पंचायत समितियों में छात्रावास खोलने के लिए शिक्षा विभाग ने केंद्र सरकार से बजट मांगा है।