(Jaipur)जयपुर सहित (Kota) कोटा और (Jpdhpur) जोधपुर में (Nagar Nigam) नगर निगम को खत्म कर (Two Nagar Nigam) दो नगर निगम बनाने से (Financial pressure) आर्थिक बोझ बढने के मामले में (PIL) पीआईएल पर (State Govt) राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में (reply) जवाब पेश कर दिया।
जयपुर•May 26, 2020 / 10:17 pm•
Mukesh Sharma
जयपुर
(Jaipur)जयपुर सहित (Kota) कोटा और (Jpdhpur) जोधपुर में (Nagar Nigam) नगर निगम को खत्म कर (Two Nagar Nigam) दो नगर निगम बनाने से (Financial pressure) आर्थिक बोझ बढने के मामले में (PIL) पीआईएल पर (State Govt) राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में (reply) जवाब पेश कर दिया। कोर्ट ने जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए मामले की सुनवाई 29 मई को तय की है। मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश प्रिया यादव की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए।
राज्य सरकार और जयपुर नगर निगम ग्रेटर की ओर से पेश जवाब में कहा गया है कि राज्य सरकार ने नीतिगत निर्णय लेकर जयपुर नगर निगम को दो भागों में विभाजित कर जनहित में ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम बनाए हैं। नीतिगत निर्णय होने के कारण अदालत को इसमें दखल देने का अधिकार नहीं है। याचिकाकर्ता का दो निगम बनाने से आर्थिक बोझ बढने के दावे में कोई दम नहीं है क्यों कि उन्होंने इस संबंध में बजटीय प्रावधान की जानकारी नहीं ली है और बिना किसी रिसर्च के जनहित याचिका दायर की है। याचिका में जयपुर नगर निगम को पक्षकार बनाया गया है जिसका कोई अस्तित्व नहीं है और ना ही याचिकाकर्ता ने नवगठित दोनों निगमों को पक्षकार बनाया है।
हाईकोर्ट सतीश कुमार शर्मा के मामले में नवसृजित नगर निगमों के गठन को हरी झंडी दे चुका है। कोरोना लॉक डाउन के कारण हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग की अर्जी को मंजूर कर चुनाव अगस्त 2020 तक टालने की अनुमति दी है। सभी तथ्यों को देखते हुए जनहित याचिका को खारिज किया जाए।
याचिका में कहा गया है कि कोरोना महामारी के चलते संक्रमण रोकने के लिए राज्य सरकार करोडों रुपए खर्च कर रही हैं। केन्द्र और राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन का बडा हिस्सा स्थगित भी किया है। नगर निगमों की संख्या बढ़ाने से उनके संसाधन, स्टाफ आदि पर करोडों रुपए खर्च होंगे। ऐसे में प्रदेश की वित्तीय परिस्थितियों को देखते हुए नगर निगमों के सृजन को लेकर जारी अधिसूचना को सामान्य स्थिति बहाल होने तक स्थगित किया जाए।