जयपुर

हथिनी की हत्या के बाद अब यहां मादा श्वानों को पीट-पीट कर मार दिया, दो सरकारी कार्मिक सस्पेंड

आबकारी विभाग के कार्मिकों ने दो मादा श्वानों को इतना पीटा की एक की मौत हो गई और एक गंभीर घायल हो गई। दोनो श्वानों को चार कार्मिकों ने पीटा था।

जयपुरJul 06, 2020 / 12:04 pm

JAYANT SHARMA

जयपुर
आबकारी विभाग के कार्मिकों ने दो मादा श्वानों को इतना पीटा की एक की मौत हो गई और एक गंभीर घायल हो गई। दोनो श्वानों को चार कार्मिकों ने पीटा था। भरतपुर से इसकी सूचना दिल्ली तक पहुंची और दिल्ली से जब वापस जांच की मांग की गई तो मामला जांच में सही पाया गया। इस पर आबकारी विभाग ने अपने दो कार्मिकों को तो निलंबित कर दिया है और दो कार्मिकों को नोटिस थमाया है। मामले की जांच की जा रही है। राजस्थान के भरतपुर जिले के आबकारी कार्मिकों का यह कारनामा है।

कार्यालय के नजदीक गेट बंद कर पीटा, लोगों ने बचाया तो भी नहीं माने
स्थानीय लोगों ने बताया कि केतन गेट के पास आबकारी के कार्यालय के नजदीक बिना कारण ही आबकारी के कार्मिकों ने रात के समय दो श्वानों को बुरी तहर से पीटा। लोगों का कहना था कि उनको पाीटने वाले कार्मिक शराब के नशे में लग रहे थे। लोगों ने भी उनको बचाने की कोशिश की लेकिन कार्मिक नहीं माने और लोगों से भी अभद्रता की। इस पर जिला पशु क्रूरता निवारण समिति ने इन कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की। बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले के बारे में पशुओं के अधिकारों के बारे में काम करने वाली पूर्व मंत्री एवं सासंद मेनका गांधी को भी जानकारी भेजी गई। गांधी ने भरतपुर जिला प्रशासन और आबकारी के अफसरों से इस बारे में बात भी की। बताया गया कि कर्मचारियों ने 3 जुलाई को केतन गेट के पास 2 मादा श्वानों को लाठी डंडों से पीटा था जिससे 1 की मृत्यु हो गई थी। पशु क्रूरता समिति की जांच की जांच में ये तथ्य सही पाए गए। उसके बाद इसकी रिपोर्ट तैयार कर एडीएम को एडीएम को दी गई।

दो कार्मिकों को निलंबित किया, दो को नोटिस
उधर इस पूरे मामले के बारे में भरतपुर जिला आबकारी अधिकारी राकेश शर्मा ने बताया कि श्वानों से मारपीट हुई है। इस मामले में दो कार्मिक संतराम और रामबाबू को तो निलंबित कर दिया गया है और दो अन्य कार्मिकों को 17 सीसी की चार्जशीट दी गई है। बाकि पूरे मामले की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी तय है। कार्मिकों ने श्वानों को क्यों पीटा इस बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि श्वानों को पहले भी कई बार लट्ठ मारे गए। जब कॉलोनी वालों ने टोकना चाहा तो भी कार्मिक नहीं माने। जहां श्वानों को पीटा गया वहीं पर ये श्वान कई सालों से रह रहे हैें।

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