राज्य की नौकरशाही में यह पहला मौका था जब मुख्य सचिव को इस तरह हटा दिया गया हो। तीन दिन तक डीबी गुप्ता एपीओ रहे।
इसके बाद प्रदेश की नौकरशाही में गुप्ता इस तरह हटाने को लेकर चर्चाओं का बजार गर्म हो गया। इसी बीच सरकार की कुछ मामलों को लेकर गुप्ता से नाराजगी की बातें सामने आई। राज्य सभा चुनाव के दौरान हुए कई घटनाक्रमों को गुप्ता के हटाने से जोड़ा गया।
गुप्ता की स्थिति को लेकर तीन दिन तक चले सस्पेंस और हील हुज्जत के बाद सरकार ने रविवार देर रात सस्पेंस को खत्म कर दिया और कार्मिक विभाग की ओर से गुप्ता को मुख्यमंत्री का सलाहकार बनाने के आदेश जारी हुए।