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जयपुर

Rajasthan Big News: लो…फिर शुरू हो गया नोट बदलने का तमाशा, होने लगी कैश की किल्लत…!

Rajasthan Big News: राजस्थान सेंट्रल कॉ-ऑपरेटिव बैंक की ओर से सहकारिता समिति के माध्यम से किसानों को वितरण किए जाने वाले अल्पकालीन ऋण के दौरान बैंक में आने वाले किसानों को कैश की किल्लत (Shortage of Cash) का सामना करना पड़ रहा है।

जयपुरJun 06, 2023 / 12:38 pm

Navneet Sharma

Rajasthan Big News

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Rajasthan Big News: बाड़मेर जिले में राजस्थान सेंट्रल कॉ-ऑपरेटिव बैंक की ओर से सहकारिता समिति के माध्यम से किसानों को वितरण किए जाने वाले अल्पकालीन ऋण के दौरान बैंक में आने वाले किसानों को कैश की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। 2000 की नोट बंद होने के बाद जिले भर में सहकारिता समिति के माध्यम से मिलने वाले अल्पकालीन ऋण लेने आने वाले किसानों को केश नहीं मिलने के कारण निराश होकर लौटना पड़ रहा है। बड़े नोट बंद होने के चलते अन्य लोग भी छोटे नोट लेने के लिए बैंकों में पहुंच रहे हैं तो दूसरी ओर ऋण वितरण करने वाले बैंकों को पूरा कैश नहीं मिल पा रहा है जिसके चलते किसानों को समस्याएं झेलनी पड़ रही है।

ऋण का इंतजार

जानकारी के अनुसार जिले में इस समय बारिश होने के चलते किसानों को फसल बुवाई का समय आ गया है दूसरी तरफ किसानों को अल्पकालीन ऋण का पैसा समय मिल रहा है। जिसके चलते किसान अधिकतर खेतों में काम करने के उपरांत खेतों को छोड़कर बैंक पहुंच रहे हैं लेकिन बैंकों में केश नहीं होने के कारण निराश हो रहे हैं। सहकारिता समिति व्यवस्थापक ने बताया कि बैंक से 10 लाख केश की मांग करने पर एक से दो लाख मिल रहे है। जिसके कारण ऋण लेने वाले किसानों को पैसा नहीं मिल पा रहा है।

इसलिए बढ़ी समस्या

जानकारी के अनुसार आरबीआई ने हाल ही में 2000 के नोट बैंक में बदलने की प्रक्रिया शुरू करने के बाद बैंकों में कैश की किल्लत आने लगी हैं। ग्रामीण क्षेत्र में शहरी क्षेत्र में लोग अधिकतर बैंकों में 2000 के नोट बदलवाने (Changing Notes) के लिए पहुंच रहे हैं। जहां पर छोटे नोट लोग बदलवा कर ले जा रहे हैं जिसके चलते अन्य बैंकों में कैश नहीं पहुंच पा रहा है जिसके चलते समस्या उत्पन्न हो रही है।

फंड की कोई कमी नहीं है । किसानों को वितरण किए जाने वाले अल्पकालीन ऋण में आधे से अधिक वितरण कर दिया है। हम दूसरी बैंकों से कैश की डिमांड करते हैं। 5 करोड़ की डिमांड से 1 या दो करोड मिलता है तो जिले की सभी शाखाओं को दस-दस लाख बांटकर रहे हैं, फिर भी प्रयास रहता है कि जल्दी मैनेज करेंगे।

जितेंद्र कुमार प्रबंधक निदेशक दी बाड़मेर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक बाड़मेर

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