गांव में रहने वाले भूपेन्द्र गिरी के दो बेटे थे। 11 साल का लोकेश और 14 साल का विकास। दोनो अपने अन्य दोस्तों के साथ शुक्रवार शाम खेल रहे थे। इस दौरान गांव मे ही बनी एक डिग्गी के पास खेलते खेलते चले गए। दोनो डिग्गी के पास पहुंचे और नहाने लगे। इस दौरान गहने पानी की तरफ चले गए और डूब गए। साथ खेल रहे बच्चे भागकर गांव गए और परिजनों को बताया।
परिजनों ने दोनो को डिग्गी में तलाश किया तो डिग्गी से दोनो के शव बरामद हुए। शवों को पुलिस ने मुर्दाघर में रखवाया है। भूपेन्द गिरी के दो ही बच्चे थे और एक ही झटके में दोनो की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि बाडमेर और आसपास के कई जिलों में पानी के होद और बोरिंग के नजदीक इस तरी की डिग्गी बनाई जाती है ताकि पानी का स्टोरेज किया जा सके और एक ही समय में खेत के अधिक क्षेत्र में पानी दिया जा सके।
शिव पुलिस ने बताया कि खेत में जहां ये डिग्गी बनी हुई थी उस जगह पर भी होद था और वहां से लगातार पानी की सप्लाई भी की जाती रहती थी। लेकिन इस हादसे ने परिवार की पूरी खुशियां छीन लीं।