—राजधानी के परकोटा क्षेत्र में अवैध निर्माणों को चिन्हित करने के लिए सरकार ने ड्रोन सर्वे करवाया था। 1300 से अधिक ऐसे स्थान सर्वे में चिन्हित हुए, जहां परकोटे के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ की गई।
—वन विभाग की ओर से उदयपुर में पहाड़ियों पर पौधों के बीज भी ड्रोन से डाले गए थे। यहां लोग आसानी से नहीं पहुंच पाते थे। इस वजह से ड्रोन तकनीक का सहारा लिया गया था।
इतना ही नहीं, राजधानी में फूड डिलीवरी करने की कम्पनियां भी ड्रोन के जरिए खाना पहुंचाने की तैयारी कर रही हैं। देश के बड़े शहरों में तो इसकी शुरुआत भी हो चुकी है।
—कृषि विभाग की ओर से 2020 में टिड्डियों पर जयपुर के सामोद में ड्रोन के जरिए ही छिड़काव किया गया था।
—पुलिस ने कोरोनाकाल में राजधानी की तंग गलियों से लेकर भीड़ भरे बाजारों में निगरानी की थी।
—बड़ी रैलियों और धरने प्रदर्शनों में भी पुलिस ड्रोन का उपयोग करती है।
—मणिपुर में पहली बार कोरोना की वैक्सीन को पहुंचाने के लिए उपयोग में लिया गया।
—उप्र में कृषि क्षेत्र में कीटनाशन के छिड़काव में इसका उपयोग किया जा रहा है।
—मप्र में तो नक्शे बनाने से लेकर बिजली के फॉल्ट सुधारने के काम ड्रोन कर रहा है।
—कम समय से ज्यादा बड़े क्षेत्र की निगरानी कर सकता है।
—साथ ही साथ रिकॉर्डिंग भी होती रहती है। जिसे बाद में देखा भी जा सकता है। ।
—प्रभावितों को सीधे मदद पहुंचाई जा सकती है।