नशे में वाहन और मोबाइल का उपयोग सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण- डीजीपी
वाहन चलाते समय सर्तकता जरूरी
नशे में वाहन और मोबाइल का उपयोग सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण- डीजीपी
महानिदेशक पुलिस एम एल लाठर ने कहा है कि यातायात नियमों की पालना के साथ ही सड़क सुरक्षा के प्रति गम्भीरता बरतना आवश्यक है। उन्होंने बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सामुहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। लाठर शुक्रवार को होटल मेरिएट में श्री राम जनरल इंश्योरेंस द्वारा यातायात पुलिस व परिवहन विभाग के सहयोग से आयोजित सड़क सुरक्षा गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रुप में संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर पूर्व मुख्यसचिव अशोक जैन, राजीव स्वरूप , पूर्व महानिदेशक एन आर के रेड्डी , अतिरिक्त महानिदेशक यातायात स्मिता श्रीवास्तव , यातायात आयुक्त रवि जैन सहित पुलिस , परिवहन व श्रीराम ग्रुप के अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि ओवर स्प्रीडिंग, नशे में वाहन चलाना, वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग करना दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है। सीट बेल्ट व हेलमेट आदि का उपयोग जीवन सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं। उन्होने कहा कि प्रत्येक जिंदगी महत्वपूर्ण है और
वाहन चलाते समय दुसरो की जिंदगी के प्रति सतर्क रहना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि मई व जून तथा अक्टूबर व नवम्बर माह में दुर्घटनाओं की संख्या अधिक होती है।
पूर्व महानिदेशक पुलिस कपिल गर्ग ने बताया कि हमारे देश में प्रतिवर्ष 1 लाख 51 हजार व्यक्ति सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते है जिनमे 80 फीसदी लोग 18 से 60 वर्ष आयु वर्ग के है। साथ ही प्रतिवर्ष 4 लाख 50 हजार व्यक्ति घायल होते हैं। जयपुर में ही प्रतिवर्ष करीब 1300 व्यक्ति दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते है जो दिल्ली के बाद देश मे सर्वाधिक हैं। उन्होंने सड़क यातायात को सुरक्षित बनाये रखने के लिए अनुशासन पर विशेष बल दिया। उन्होंने विकसित देशों के साथ ही श्रीलंका व नेपाल जैसे राष्ट्रों की भांति यातायात नियमों की अनुशासित तरीके से पालना करने की आवश्यकता बताई। गोष्ठी में सड़क दुर्घटना में अपने 2 बच्चों को खो चुके राजकुमार ने सड़क सुरक्षा शब्द को सार्थक करए हुए स्वयं को रखने के साथ
ही दूसरों को भी सुरक्षित रखने की भावनात्मक अपील की। गोष्ठी में श्रीराम ग्रुप के वायस चेयरमैन गुजराल ने विस्तार से सड़क दुर्घटनाओं के कारणों व रोकथाम के बारे ने जानकारी दी।