पटवारी भर्ती लिखित परीक्षा में डमी परीक्षार्थी और गैंग के सदस्य को पकड़ा
जालौर की विश्नोई गैंग के दो आरोपी गिरफ्तार
पटवारी भर्ती लिखित परीक्षा में डमी परीक्षार्थी और गैंग के सदस्य को पकड़ा
सोडाला थाना पुलिस ने पटवारी भर्ती लिखित परीक्षा में डमी परीक्षार्थी और गिरोह के सदस्य को गिरफ्तार किया हैं। आरोपी जालौर की विश्नोई गैंग का सदस्य हैं। पकड़ा गया आरोपी सुनील विश्नोई खुद एलडीसी के पद पर सेवारत हैं। पुलिस ने उसके पास से फर्जी आधार कार्ड और अन्य परीक्षाओ में शामिल होने के प्रवेश पत्र, पहचान पत्र बरामद किए हैं। पुलिस इस मामले में सरगना रामलाल विश्नोई की तलाश कर रही हैं।
एसीपी (सोडाला) भोपाल सिंह भाटी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी सुनील गोदारा (28) पुत्र जालाराम और ओमप्रकाश (28) पुत्र जालाराम चितलवाना जालौर के रहने वाले हैं और सगे भाई हैं। पुलिस ने बताया कि 23 अक्टूबर से दो दिन चलने वाली पटवारी लिखित परीक्षा में विश्नोई गैंग के सदस्य फर्जी अभ्यर्थी बनकर अन्य अभ्यार्थियों के स्थान पर परीक्षा देने की फिराक में जयपुर में आए हुए है। गैंग के दो सदस्यों की लोकेशन श्री कुमावत क्षत्रिय सीनियर सैकण्डरी स्कूल सोडाला के आसपास की आई। पुलिस टीम ने विशेष निगरानी कर स्कूल परीक्षा केन्द्र के कमरा नम्बर 6 में पटवारी परीक्षा देने आए अभ्यर्थी को संदिग्ध दिखने पर पर पूछताछ की तो उसके रोल नम्बर के अभ्यर्थी के परीक्षा प्रवेश पत्र एवं परीक्षा देने वाले अभ्यर्ती के आधार कार्ड पर लगी हुई फोटो अलग पाई गई। प्रवेश पत्र पर अभ्यर्थी भूपेन्द्र कुमार मीणा महुवा दौसा की जगह परीक्षा कक्ष में परीक्षा देने आया सुनील गोदारा चितलवाना जालौर पाया गया। पुलिस ने फर्जी अभ्यर्थी सुनील गोदारा से पूछताछ कर विश्नोई गैंग का अन्य सदस्य ओमप्रकाश जालौर को डिटेन किया गया। दोनों से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आरोपी सुनील पढाई लिखाई में होशियार है और खुद को एलडीसी के पद पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भीमगुडा थाना चितलवाना जालौर में पदस्थापित है। गैंग का सरगना रामलाल चितलवाना जालौर हैं। उसके पास से आधार कार्ड और फर्जी प्रवेश पत्र मिले है।
थानाप्रभारी सतपाल सिंह ने बताया कि गैंग का सरगना फॉर्म भरते समय डमी कंडिडेट की फोटो फार्म पर लगा देते है। आधार कार्ड पर डिटेल्स कंडिडेट की होती है, लेकिन आधार कार्ड पर फोटो डमी कडिडेट की स्कैन करके कंडिडेट की जगह लगाकर आधार कार्ड को लेमीनेशन कर डमी कंडिडेट को परीक्षा में शामिल होने के लिए भेज दिया जाता हैं। डमी कंडिडेट परीक्षा में बैठने वाले कंडिडेट की नार्मल जानकारी याद रखता हैं। वीक्षक को संदेह होने पर पूरी कंडिडेट की जानकारी बता देता है जिससे किसी को शक नहीं होता हैं।
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