कम हुई ग्राहकी
कारीगर गंगाराम का कहना है कि बच्चों के शौक को पूरा करने के लिए इस बार बीते साल के पुतलों को तैयार बेचा जा रहा है। इस बार नए 2 से लेकर 30 फीट तक के पुतले तैयार किए हैं। कोरोना जैसी महामारी के वक्त दशानन के साथ—साथ मेघनाथ, कुंभकर्ण का कद भी छोटा हो गया है। छोटे पुतलों की कीमत 200 से लेकर 1800 रुपए तक है। कलाकारों ने बताया कि पर्व पर दूसरी बार सबसे कम ग्राहकी हुई है। सभी छोटे पुतले सजधज कर यहां तैयार हो चुके हैं। जिनकी बिक्री धीरे—धीरे हो रही है। 15 फीट के रावण के पुतले 11 हजार, 35 फीट के रावण के पुतले की कीमत 35 हजार रुपए है। इस बार 40 फीट तक पुतले ही तैयार हुए हैं। इनकी संख्या 20 के आसपास है।
रावण मंडी के अध्यक्ष जगदीश नाथ परमार वोढ़ा ने बताया कि हर साल राजधानी में 20 हजार से अधिक बड़े—छोटे पुतले तैयार किए जाते थे, करीब डेढ करोड़ रुपए से अधिक का बाजार पुतलों का होता था। इस बार यह सिमट कर 40 फीसदी रह गया है। 500 छोटे पुतलों को मास्क पहनाकर बेचा ताकि कोरोना रूपी महामारी का जल्द से जल्द खात्मा हो सके। इसके साथ ही कोरोना रूपी रावण भी तैयार किया है। सभी छोटे पुतले मुलतानी मिट्टी से इकोफ्रेंडली तरीके से तैयार किए हैं, जिसमें रावण 5 मिनट के आसपास जलने के साथ कम धुंआ देगा। पुतलों को आकर्षक बनाने के लिए उनके चेहरों को अलग अलग रुप दिया गया हैं।
इस बार भी दिवाली काली
प्रदेश में 20 लाख पटाखा व्यवसायियों ओर शोरगरों की कमाई को राज्य सरकार ने पूरी तरह से ताला लगा दिया। कई बार मुख्यमंत्री से मिलने के प्रयास किए लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने समय नहीं दिया। यह पीड़ा है राजधानी के पटाखा कारोबारियों की। बीते साल की तरह इस साल भी प्रदेश में आतिशबाजी करने, पटाखे जलाने और बेचने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। एसोसिएशन ऑफ फायर वर्क्स आर्टिस्ट के अध्यक्ष जाहिर अहमद ने बताया कि दो साल से प्रतिबंध की मार झेल रहे पटाखा कारोबारियों का कहना है कि उम्मीद थी इस बार दिवाली बढ़िया होगी और बैंक की किश्तें, गोदामों के किराए और सारे कर्जे अदा हो जाएंगे लेकिन सरकार ने दशहरे से पहले ही बिना किसी वजह के पटाखों को प्रतिबंधित कर दिया।
गोदामों में और दुकानों में पटाखे रखे हुए हैं किसी मुनाफे के बगैर उनकी चौकीदारी कर रहे हैं। सरकार सारे पटाखे अपने पास रखें और जीएसटी और मुआवजा दें। इन पटाखों को अपनी दुकानो और गोदामों के बाहर फेंक देने पर कानून की अवेहलना होती है तो सरकार पटाखा व्यवसायी के ऊपर मुकदमे बनाएं उन्हें गिरफ्तार करें । विजयादशमी से पूर्व जयपुर में आतिशबाजी और पटाखों का पांच करोड़ से अधिक का बाजार होता था। इस बार सब कुछ खराब हो गया है। वहीं दिवाली तक प्रदेश में पांच हजार करोड़ रुपए का बाजार होता था। राजस्थान में 5 हजार स्थाई लाइसेंसधरी है, वहीं 50 हजार अस्थाई लाइसेंस धारी है। करीब 20 लाख लोग राजस्थान में इस काम से जुड़े हैं।
कल शाम छह बजे वर्चुअल रावण दहन
राजस्थान पत्रिका के बैनर तले जयपुर का पहला वर्चुअल सद्भावना दशहरा महोत्सव मानसरोवर में कल शाम छह बजे से होगा। आतिशबाजी रहित रावण पुतला दहन रंगारंग कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह में आमजन का प्रवेश पूर्ण निषेध होगा। सद्भावना परिवार के अध्यक्ष मनोज पांडे ने बताया कि रावण जैसी बुराई का अंत हर साल जरूरी है। इसलिए यह पहल की गई है। दशहरा महोत्सव का सीधा प्रसारण वर्चुअल माध्यम से फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब मीडिया के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा। इधर जगतपुरा स्थित हरे कृष्ण मूवमेंट जयपुर के कृष्ण बलराम मंदिर में आनलाइन दशहरा पर्व पर विशेष कार्यक्रम होंगे। भगवान राम की लीलाएं कलाकारों की ओर से होगी। इनमें राम लक्ष्मण अलंकार, राम लीला, संकीर्तन, राम लक्षमण पालकी होगी।