बॉर्डर पर धूल के गुबार से टूटा सीमावर्ती क्षेत्र के कई गांवों का संपर्क, जन जीवन अस्त-व्यस्त
जयपुर / बाड़मेर। बॉर्डर के सीमावर्ती इलाकों में धूल के गुबार से चारों और रेत की चादर बिछ गयी है। बाड़मेर के गडरा रोड में पिछले मंगलवार से लगातार चली तेज आंधीओं से सीमावर्ती क्षेत्र के कई गांवों और ढाणियों का संपर्क टूट गया है। सीमावर्ती सड़कों पर रेत के धोरो की चादर बिछ चुकी है। जिससे आवागमन के साधन बाधित हो रहे हैं। ऐसे में इन गांवों को कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है। मंगलवार से शुरू हुई धूल भरी आंधियों के कारण बिजली पानी सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रभावित हुई है।
सबसे ज्यादा परेशानी पशुधन को लेकर है जिनके लिए चारे पानी का प्रबंध करना पशु पालकों के लिए मुश्किल होता जा रहा है! प्रतिदिन आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ते जा रहे हैं। बिजली के अभाव में पानी के टैंकर महंगे, सब्जिया महंगी होती जा रही हैं। राज्य सरकार द्वारा काफी देर से शुरू किए गए पशु शिविरों में चारे की गाड़ियां नहीं पहुंच पा रही है। सड़क पर रेत जमा होने से यह गाड़ियां बीच रास्ते में ही फस जाती है। इसके अलावा बिजली सप्लाई बंद होने से पानी की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। पूरे क्षेत्र में बिजली-पानी को लेकर भयंकर संकट उत्पन्न हो गया है।
border areas , Contact of many villages disconnected” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/07/15/dhool_4_4840247-m.jpg”>सीमावर्ती तहसील गडरारोड के को जोड़ने वाले अधिकांशत सड़क मार्ग रेत से जाम हो गए हैं। ऐसे में अभी तक प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली है! रेत हटाने का काम प्रारंभ ही नहीं किया है। जिससे आपात स्थितियों में निपटने के लिए भी ग्रामीणों के पास कोई साधन उपलब्ध नहीं है। गडरारोड़ से बिजावल, समन्द का पार, रतरेड़ी कला मार्ग ,मुनाबाव से रोहिड़ी सुंदरा म्याजलार मार्ग सालमसिंह की बस्ती, रावतसर, चेतरोड़ी, लांबड़ा, उतरबासहित कई गांव रेत के आ जाने से कट गये हैं।
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