जयपुर. शहर की जानी-मानी महिलाएं नेचर के बेहद करीब हैं। वे न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण का महत्व जानती हैं, बल्कि उसे सहेजने में भी सशक्त भूमिका निभा रही हैं। कुछ ने अपनी लाइफ से प्रकृति को गहराई से जोड़ा है। आप भी लाइफस्टाइल में चेंज लाकर बन सकते है एन्वायर्नमेंट फ्रेंडली…
आमेर में ईको ट्रेल के जरिए लोगों को प्रकृति से जोड़ रही डॉ. रश्मि डिकिंसन पिछले कई सालों से वॉटर कंजर्वेशन, वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन और ग्रीन एनर्जी प्रोडक्शन क्षेत्र में काम कर रही हैं। अभी तक 60 हजार पौधे लगाए हैं। वे छोटे-छोटे बच्चों को भी अवेयर कर रही हैं। रश्मि ने कहा कि आज लोग वॉटर हार्वेस्टिंग और ग्रीन एनर्जी प्रोडक्शन को लेकर अवेयर हो रहे हैं।
फैशन डिजाइनर क्षितिजा राणा निजी जिंदगी के अलावा अपने काम में भी ईको फ्रेंडली चीजों को अपनाती हैं। आउटफिट्स में पॉलिस्टिक और सिंथेटिक फैब्रिक का यूज नहीं करती हैं। वह कहती हैं,’बारिश के मौसम में पानी को ज्यादा से ज्यादा बचाया जा सकता है, एेसे में वॉटर हार्वेस्टिंग या रीसाइक्लिंग के तरीके को अपनाना चाहिए।’
ज्वैलरी डिजाइनर पारुल पोद्दार कहती हैं कि घर में एसी और आरओ के वेस्ट पानी को रीसाइकिल करती हूं। वहीं फैमिली मेम्बर्स इस तरह से व्हीकल का यूज करते हैं, जिससे फ्यूल की बचत हो। घर में सोलर प्लांट भी लगा रखे हैं ताकि ग्रीन एनर्जी को प्रमोट किया जा सके।
एंटरप्रेन्योर रानू श्रीवास्तव कहती हैं, ‘मेरे पौधे मेरे बच्चों की तरह हैं। पौधों को बढ़ते हुए देखना मुझे सुकून देता है। मैं कहना चाहूंगी कि ये मौसम पौधे लगाने का आ गया है। यदि आपके घर में पौधे लगाने की जगह नहीं है तो पार्क में पौधे लगाएं।’
एजुकेशन काउंसलर देवयानी भटनागर कहती हैं कि मैं प्लास्टिक का यूज नहीं करती और लोगों को भी इसके यूज के लिए मना करती हूं। प्लास्टिक पर्यावरण को दूषित करता है। ग्लास का ज्यादा से ज्यादा यूज करती हूं।