यहां शुरू किए जाएंगे पर्यटन
तोमर के मुताबिक प्रदेश में रणथंभौर टाइगर रिजर्व, सरिस्का टाइगर रिजर्व, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, केवलादेव घना पक्षी अभयारण, झालाना लेपर्ड सफारी, सभी सेंचुरी क्षेत्र जयपुर का नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पाकर्, उदयपुर का सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क और जोधपुर का माचिया बायोलॉजिकल पार्क शुरू कर दिया जाएगा। इनके साथ ही प्रदेश के सभी चिडिय़ाघर में भी पर्यटकों को प्रवेश मिल सकेगा लेकिन इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग पर खास ध्यान दिया जाएगा। पर्यटकों को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद एंट्री दी जाएगी, उनका मास्क पहनना अनिवार्य होगा साथ ही दस्ताने भी पहनने होंगे। सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाएगा। बुकिंग्स में ऑनलाइन को ज्यादा तवज्जो दी जाएगी साथ ही डिजिटल पेमेंट पर जोर दिया जाएगा।
स्टाफ के लिए गाइडलाइंस
तोमर ने बताया कि पर्यटकों के साथ में वन विभाग के स्टाफ ,नेचर गाइड, वाहन चालक सभी को गाइडलाइंस सख्ती से पालना करनी होगी। प्रवेश के दौरान कोई भी पर्यटक बिना अपने हाथों को सैनिटाइज किए किसी जगह को छू नहीं सकेगा। वाहनों में पर्यटकों के बैठने में भी एक से डेढ़ मीटर के सोशल डिस्टेंसिंग का खास ध्यान रखा जाएगा। किसी भी पर्यटन क्षेत्र में कोई भी पर्यटक, स्टाफ, वनकर्मी, नेचर गाइड या वाहन चालक कहीं भी नहीं थूकेगा।् पर्यटन क्षेत्रों में वॉटर बॉडीज की खास सुरक्षा की जाएगी। सभी वन क्षेत्रों को पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति जो संभावित कोरोना संक्रमित हो सकता है उसे एंट्री ना दी जाए इस बात का खास ध्यान रखा जाएगा।
तोमर के मुताबिक प्रदेश में रणथंभौर टाइगर रिजर्व, सरिस्का टाइगर रिजर्व, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, केवलादेव घना पक्षी अभयारण, झालाना लेपर्ड सफारी, सभी सेंचुरी क्षेत्र जयपुर का नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पाकर्, उदयपुर का सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क और जोधपुर का माचिया बायोलॉजिकल पार्क शुरू कर दिया जाएगा। इनके साथ ही प्रदेश के सभी चिडिय़ाघर में भी पर्यटकों को प्रवेश मिल सकेगा लेकिन इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग पर खास ध्यान दिया जाएगा। पर्यटकों को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद एंट्री दी जाएगी, उनका मास्क पहनना अनिवार्य होगा साथ ही दस्ताने भी पहनने होंगे। सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाएगा। बुकिंग्स में ऑनलाइन को ज्यादा तवज्जो दी जाएगी साथ ही डिजिटल पेमेंट पर जोर दिया जाएगा।
स्टाफ के लिए गाइडलाइंस
तोमर ने बताया कि पर्यटकों के साथ में वन विभाग के स्टाफ ,नेचर गाइड, वाहन चालक सभी को गाइडलाइंस सख्ती से पालना करनी होगी। प्रवेश के दौरान कोई भी पर्यटक बिना अपने हाथों को सैनिटाइज किए किसी जगह को छू नहीं सकेगा। वाहनों में पर्यटकों के बैठने में भी एक से डेढ़ मीटर के सोशल डिस्टेंसिंग का खास ध्यान रखा जाएगा। किसी भी पर्यटन क्षेत्र में कोई भी पर्यटक, स्टाफ, वनकर्मी, नेचर गाइड या वाहन चालक कहीं भी नहीं थूकेगा।् पर्यटन क्षेत्रों में वॉटर बॉडीज की खास सुरक्षा की जाएगी। सभी वन क्षेत्रों को पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति जो संभावित कोरोना संक्रमित हो सकता है उसे एंट्री ना दी जाए इस बात का खास ध्यान रखा जाएगा।
बाघों की सुरक्षा पर फोकस
तोमर ने बताया कि वन विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि हमारा मुख्य फोकस पर्यटन के दौरान संक्रमण को किसी भी तरह से बढऩे नहीं देने पर होगा। सबसे खास ध्यान वन्यजीवों का रखा जाएगा कि किसी भी सूरत में संक्रमण वन्यजीवों तक ना पहुंचे। इसके लिए सभी जिला स्तर के वन अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका एक मामले में इंसानों से कोरोना वायरस का संक्रमण बाघ में होने की पुष्टि हो चुकी है। ऐसे में प्रदेश में सभी टाइगर रिजर्व ईको टूरिस्म साइट, बायोलॉजिकल पार्क और चिडिय़ाघरों में बाघों की सुरक्षा के लिए खास तौर पर निर्देशित किया गया है
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तोमर ने बताया कि वन विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि हमारा मुख्य फोकस पर्यटन के दौरान संक्रमण को किसी भी तरह से बढऩे नहीं देने पर होगा। सबसे खास ध्यान वन्यजीवों का रखा जाएगा कि किसी भी सूरत में संक्रमण वन्यजीवों तक ना पहुंचे। इसके लिए सभी जिला स्तर के वन अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका एक मामले में इंसानों से कोरोना वायरस का संक्रमण बाघ में होने की पुष्टि हो चुकी है। ऐसे में प्रदेश में सभी टाइगर रिजर्व ईको टूरिस्म साइट, बायोलॉजिकल पार्क और चिडिय़ाघरों में बाघों की सुरक्षा के लिए खास तौर पर निर्देशित किया गया है
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