गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा की पहुंच दूर-दराज के क्षेत्रों एवं गरीब विद्यार्थियों तक पहुंचाने की दिशा में प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले बजट में प्रदेश में 50 कॉलेज खोलने की घोषणा की गई थी। इन सभी कॉलेजों में प्रवेश हो चुके हैं और पढ़ाई भी शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि बालिकाओं में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मेरे पहले कार्यकाल में प्रदेश में उच्च शिक्षा में निजी क्षेत्र को कॉलेज, यूनिवर्सिटी खोलने के लिए प्रोत्साहित किया गया था। ताकि यहां के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल करने के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़े। प्राइवेट कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कमजोर तबके के छात्र वहन नहीं कर पाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार सरकारी क्षेत्र के कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में आधारभूत सुविधाएं मजबूत करने की दिशा में सरकार काम कर रही है।’
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को उच्च शिक्षा से जोड़ने के लिए योजनाबद्ध तरीके से प्रयास कर रही है। 50 नए सरकारी कॉलेज खोलने की घोषणा का सर्वाधिक लाभ ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि जो छात्राएं 12वीं के बाद पढ़ाई के लिए शहर नहीं जा पाती, उन्हें अब उच्च शिक्षा हासिल करने में आसानी होगी। वहीं, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने तकनीकी शिक्षा को मजबूती देने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। साथ ही कहा कि सरकारी इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्नीक कॉलेजों में छात्रों की संख्या बढ़ी है। समारोह को उच्च शिक्षा सचिव शुचि शर्मा, एआईसीटीई के चैयरमेन प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे, कॉलेज शिक्षा आयुक्त प्रदीप बोरड़, इलेट्स टेक्नोमीडिया के प्रमोटर रवि गुप्ता, एनआईआईटी के चेयरमैन राजेन्द्र पंवार, विभिन्न दूतावासों से आए राजदूत, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भी संबोधित किया।