बाढ़ और अनुच्छेद 370 का साइड इफेक्ट : ईद पर बकरों की मांग हुई कम, कीमत घटी, व्यापारी परेशान
जयपुर। ईद-उल-जुहा ( Eid-ul-ajha ) आने में अब मात्र दो ही दिन शेष है। बकरीद ( bakra eid 2019 ) के बावजूद बकरा मंडियों में व्यापारी परेशान नजर आ रहे हैं। देश में पिछले साल के मुकाबले इस बार बकरों की कीमत में काफी गिरावट आई है। इसका मुख्य कारण कई राज्यों में बाढ़ ( flood ) के हालात, कश्मीर में अनुच्छेद 370 ( Article 370 Revoked ) हटने के बाद वहां का बिगड़ा माहौल बताया जा रहा है। जयपुर में पिछले साल जो बकरे 20 से 25 हजार रुपए में बिक रहे थे वहीं इस बार उनकी कीमत 10 से 15 हजार ही रह गई है।
जयपुर में इस बार बकरे बड़ी संख्या में बिकने के लिए मंडियों में आए हुए हैं। दिल्ली रोड पर ईदगाह से लेकर करीब एक से दो किलोमीटर तक बकरा व्यापारी डेरा जमाए हुए हैं। मुम्बई, हैदराबाद, कर्नाटक, केरल समेत अन्य राज्यों में जहां मुस्लिम आबादी अधिक है। वहां पर इन दिनों अत्यधिक बारीश के चलते बाढ़ के हालात बने हुए हैं। कई जगह रास्ते अवरुद्ध है। ऐसे में बकरा व्यापारी वहां पहुंच नहीं सके।
ईदगाह के व्यापारी ने बताया कि वहीं जम्मू कश्मीर भी बकरों और भेड़ को लेकर एक बड़ा व्यापारिक केन्द्र है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद उपजे हालात के चलते उत्तर भारत के बड़े व्यापारी बकरों और भेड़ों को बेचने के लिए वहां नहीं जा सके। ऐसे में बकरा व्यापारियों के लिए राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात ही व्यापार का केन्द्र बिन्दु बनकर रह गया है। जयपुर में मुस्लिम आबादी अच्छी संख्या में है। इसके चलते स्थानीय व्यापारियों के अलावा बाहर के व्यापारी भी बड़ी संख्या में डेरा जमा लिए है। इसके चलते शहर में मांग से अधिक बकरे बिकने के लिए आ गए हैं। यहीं वजह है कि बकरों की कीमत में गिरावट नजर आ रही है।
जयपुर में यहां लगी है बकरा मंडी दिल्ली बाईपास ईदगाह, हसनपुरा, रामगढ़ मोड़ कर्बला, चार दरवाजा, एमडी रोड पर बड़ी संख्या में बकरे बेचे जा रहे हैं।