उन्होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को अपने निर्वाचित नेता के रूप में शिवाजी महाराज के गुणों को आत्मसात करना चाहिए। शिवाजी महाराज के जीवन में त्याग और पराक्रम का विशेष स्थान था। इसी क्रम में समाज को शिवाजी महाराज से जोड़ने के लिए स्वावलंबन व आत्मनिर्भर भारत के लिए हिंदू साम्राज्य दिनोत्सव सप्ताह जयपुर प्रांत में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज ने अपने जीवन काल में कई वर्षों तक युद्ध लड़े। लेकिन उसके बाद करीब 30 वर्षों तक उन्होंने सृजन, निर्माण, स्वावलंबन व स्वदेशी के लिए नई-नई तकनीक का निर्माण किया। वे साधनों का उपयोग करके प्रिंटिंग प्रेस लेकर आए तथा उसमें परिवर्तन करके स्वदेशी तकनीक विकसित की।
उन्होंने कहा कि शिवाजी के जाने के बाद करीब 100 वर्षों तक सामान्य जनमानस भी आक्रांताओं से युद्ध लड़ता रहा तथा उन्हें परास्त किया। शिवाजी ने हिंदू साम्राज्य की स्थापना करने के बाद अपने शासनकाल के दौरान ईस्ट इंडिया कंपनी को घुसने तक नहीं दिया। गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा 31 मई से 6 जून तक हिन्दू साम्राज्य दिनोत्सव विशेष सप्ताह मनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत जयपुर प्रांत में भी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।