भगत ने राज्य के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों से फर्जी मतदाताओं से जुड़ी जानकारी जुटाई, जिसमें पाया गया कि राज्य के सभी जिलों में बेहद सजगता और सावधानी के साथ मतदाता सूचियों के सत्यापन और संशोधन का कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि आयोग और विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता प्रत्येक मतदाता का नाम मतदाता सूची में पंजीकृत करना है।
उन्होंने कहा कि 1 जनवरी 2018 तक 18 वर्ष पूर्ण कर चुके मतदाताओं के नाम पुनरीक्षण कार्यक्रम में जोड़े गए। इसके बाद सबल अभियान चलाकर भी छूटे मतदाताओं के नाम जोड़े गए और अब द्वितीय पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत पात्र मतदाताओं के नाम जोड़े जाएंगे। कार्यक्रम पूरा होने के बाद बीएलओ और निर्वाचन अधिकारी द्वारा कोई भी मतदाता, मतदाता सूची में पंजीकृत होने से वंचित नहीं रहा इसका प्रमाण पत्र भी विभाग द्वारा लिया जाएगा। इसी क्रम में जून-जुलाई के मध्य मतदान केंद्रों का सत्यापन और पुनर्गठन का कार्य किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अश्विनी भगत ने कहा कि किसी भी बूथ पर एक से अधिक स्थानों पर नाम जुड़ने, राज्य के बाहर जाने और उनके नाम मतदाता सूची में होने और मृत्यु के बाद भी मतदाता सूचियों में नाम दर्ज जैसी शिकायतें नहीं पाई गई हैं। उन्होंने आश्वस्त करते हुए कहा कि ऐसी शिकायत मिलने पर विभाग और संबंधित अधिकारियों द्वारा अविलंब कार्य की जाएगी।