आपने सेना में रहकर देश सेवा की। अब सेना- शहीदों को लेकर चुनाव में इतनी बातें हो रही हैं। यह कहां तक ठीक है?
सिंह – बिना कारण विवाद किया जा रहा है। सेनाओं ने अच्छा काम किया है और आप उनके शौर्य की बात करते हैं तो राजनीति नहीं है। यह चुनाव में फायदा लेने वाली बात नहीं है। मैं हमेशा कहता हूं कि जरूरी नहीं आप एलओसी के पार गए, आपने सर्जिकल स्ट्राइक की, एयर स्ट्राइक की। महत्त्वपूर्ण बात कितने मारे यह भी नहीं है। बल्कि यह है कि 1971 के बाद आपके शीर्ष नेतृत्व ने एक निर्णायक फैसला किया। यह जरूरी चीज है, इस बारे में चर्चा होनी चाहिए। हम छोटी-छोटी चीजों में फंस गए हैं।
चुनाव का चौथा चरण आ गया। अब देश, यूपी और राजस्थान में आपको कैसा माहौल दिख रहा है?
सिंह – देश में राष्ट्रवादी मजबूत सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व के लिए अंडर करंट है। जब आप लोगों को टटोलते हैं तो यह बात सामने आ जाती है। यूपी हो या राजस्थान, सभी जगह ऐसा माहौल दिख रहा है। मेरा अपना मानना है कि भाजपा बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है।
अकेले भाजपा पूर्ण बहुमत में आएगी या…?
सिंह – उन अटकलों के बीच में नहीं जाऊंगा। बस इतना ही कहूंगा कि भाजपा की सरकार पूरे बहुमत के साथ बन रही है।
सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर काफी बातें कही जा रही हैं। कांग्रेस भी दावा कर रही है कि उसके समय में भी सर्जिकल स्ट्राइक हो चुकी है। आप क्या कहेंगे?
सिंह – सेना उसके ऑपरेशन के बारे में बात नहीं करती है। एलओसी पर अक्सर दोनों ओर की सेना अपना प्रभाव जमाने के लिए कार्रवाइयां करती हैं। एलओसी पर बहुत सारी चीजें होती हैं। यहां सेना खुद रिस्क लेकर अपनी मर्जी से काम करती है, इसलिए उसका जिक्र भी नहीं किया जाता है। इसमें ऊपर का फैसला कुछ नहीं होता है। जब सरकार कहती है कि हमने कुछ किया है और सेना के समर्थन में सरकार खड़ी थी और कह रही थी कि आपको यह करना है। दोनों परिस्थितियों में अंतर है। सरकार के फैसले करने से गलती की जिम्मेदारी भी सेना की नहीं, बल्कि सरकार की होती है।
सिंह – उन अटकलों के बीच में नहीं जाऊंगा। बस इतना ही कहूंगा कि भाजपा की सरकार पूरे बहुमत के साथ बन रही है।
सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर काफी बातें कही जा रही हैं। कांग्रेस भी दावा कर रही है कि उसके समय में भी सर्जिकल स्ट्राइक हो चुकी है। आप क्या कहेंगे?
सिंह – सेना उसके ऑपरेशन के बारे में बात नहीं करती है। एलओसी पर अक्सर दोनों ओर की सेना अपना प्रभाव जमाने के लिए कार्रवाइयां करती हैं। एलओसी पर बहुत सारी चीजें होती हैं। यहां सेना खुद रिस्क लेकर अपनी मर्जी से काम करती है, इसलिए उसका जिक्र भी नहीं किया जाता है। इसमें ऊपर का फैसला कुछ नहीं होता है। जब सरकार कहती है कि हमने कुछ किया है और सेना के समर्थन में सरकार खड़ी थी और कह रही थी कि आपको यह करना है। दोनों परिस्थितियों में अंतर है। सरकार के फैसले करने से गलती की जिम्मेदारी भी सेना की नहीं, बल्कि सरकार की होती है।
एयर-स्ट्राइक पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जो संख्या बताई, वो कहां से आई?
सिंह – सेना जब भी कोई कार्रवाई करती है तो उसके असर का आकलन करती है। एनटीआरओ ने उस समय कहा था कि जिस जगह एयर-स्ट्राइक की गई है, वहां करीब 300 मोबाइल सक्रिय थे। इसके आधार पर ही शाह ने ये जानकारी दी थी।
जाति आधारित रेजीमेंट खोलने का वादा भी किया जा रहा है, यह कहां तक ठीक है?
सिंह – यह दावे लोगों को लुभाने के लिए किए जाते हैं। भारत के अंदर अंग्रेजों के समय से रेजीमेंट्स बनी हुई है। हमारे यहां जाति आधारित रेजीमेंट्स सिर्फ नाम की बनी हुई हैं। मैं राजपूत रेजीमेंट में रहा, इसका मतलब यह नहीं है कि उसमें शत-प्रतिशत राजपूत ही हों। इसमें गुर्जर, जाट, मुस्लिम समेत सभी वर्ग के सैनिक रहते हैं। जहां तक सपा का सवाल है, कुमाऊं की दो रेजीमेंट में सिर्फ अहीर सैनिक हैं।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने शहीद हेमंत करकरे को लेकर जो बयान दिया, उसे आप कितना ठीक मानते हैं?
सिंह – देखिए, यह साध्वी की व्यक्तिगत व्यथा थी। मैं उस पर नहीं जाना चाहता। उनका दर्द निकल कर आया है। मैं उस पर टिप्पणी नहीं कर सकता।
सिंह – देखिए, यह साध्वी की व्यक्तिगत व्यथा थी। मैं उस पर नहीं जाना चाहता। उनका दर्द निकल कर आया है। मैं उस पर टिप्पणी नहीं कर सकता।
इसका मतलब शहीद हेमंत करकरे की रिपोर्ट गलत है?
सिंह – मुझे पता नहीं, मैने इसको फॉलो नहीं किया। मालेगांव घटना की अभी भी जांच चल रही है। इस पर मेरा बोलना ठीक नहीं है।