राज्य चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को भेजे अपने पत्र में कहा कि प्रदेश में 3848 ग्राम पंचायतों के लिए चुनावी कार्यक्रम घोषित हो चुका हैं। ऐसे में राज्य सरकार बिना आयोग के अनुमति के तबादलों से रोक नहीं हटा सकती।
सरकार में चल रहा मंथन
सूत्रों की माने तो राज्य निर्वाचन आयोग का पत्र मिलने के बाद सरकार हरकत में आ गई है, सरकार में इसे लेकर मंथन चल रहा है। इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य के प्रमुख सचिव राजीव स्वरूप के बीच चर्चा भी हो चुकी है। बताया जाता है कि एक-दो दिन में सरकार चुनाव आयोग की चिट्ठी का जवाब दे सकती है।
7 सितंबर को हुई थी पंचायत चुनाव की घोषणा
राज्य निर्वाचन आयोग ने शेष बची 3848 ग्राम पंचायतों के चुनाव चरणों में कराने को लेकर 7 सितंबर को घोषणा की थी। चुनाव तारीखों के ऐलान के साथ ही आचार संहिता भी लागू हो गई थी। इसी बीच राज्य सरकार ने 15 सितंबर से 31 अक्टूबर तक के लिए सभी विभागों के तबादलों पर रोक हटा थी। जिस पर आयोग ने आपत्ति जताई थी।
आबकारी अधिकारियों के तबादलों पर रोक लगा चुका है आयोग
वहीं चुनाव आयोग राज्य सरकार की ओर से किए गए 44 आबकारी अधिकारियों के तबादलों पर भी रोक लगा दी थी। आयोग का कहना था कि अधिकारियों के तबादलों को लेकर सरकार ने आयोग से कोई राय नहीं ली थी।
इनका कहना है
तबादलों से बैन हटाने के फैसले पर पुनर्विचार करने लिए 10 दिन पहले सरकार को आयोग की ओर से पत्र लिखा गया था।
श्याम सिंह राज पुरोहित, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राज्य निर्वाचन आयोग