पहले चरण में यहां चुनाव
मिली जानकारी के मुताबिक सहकारी संस्थाओं में चुनाव से लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण की भावना को और मजबूती मिलेगी। मंत्री आंजना ने बताया कि कि प्रथम चरण में दिसम्बर-जनवरी माह में प्राथमिक सहकारी समितियों जैसे कि बुनकर समिति, हाऊसिंग, बचत साख , क्रय विक्रय समितियों की सदस्य समितियां, केन्द्रीय सहकारी बैंकों की सदस्य समितियों, प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भण्डार, नागरिक सहकारी बैंक सहित अन्य प्रकार की लगभग 1500 सहकारी समितियों के चुनाव सम्पन्न कराए जाएंगे।
दूसरे चरण में यहां होंगे चुनाव
दूसरे चरण में फरवरी माह से प्रदेश की लगभग 6 हजार ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय विक्रय सहकारी समितियों के चुनाव प्रारम्भ किए जाएंगे। ग्राम सेवा सहकारी समितियों के चुनाव सम्पन्न होने के बाद केद्रीय सहकारी बैंकों, अपेक्स बैंक एवं राजफैड़ के चुनाव सम्पन्न होंगे। उन्होंने बताया कि इसी अवधि के दौरान जिला सहकारी हाॅलसेल भण्डार के चुनाव भी करवाए जाएंगे।
तीसरे चरण में होंगे चुनाव
तृतीय चरण में मई माह में 10 हजार से अधिक प्राथमिक दुग्ध सहकारी समितियों के चुनाव सम्पन्न करवाए जाएंगे। इसके बाद जिला दुग्ध उत्पादक संघ एवं आरसीडीएफ के चुनाव भी सम्पन्न होंगे। सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण को चुनाव की तैयारियों के निर्देश दे दिए गए है।रजिस्ट्रार, सहकारिता, डॉ. नीरज के. पवन ने बताया कि निर्वाचन से शेष सहकारी संस्थाओं के चुनाव के लिए सभी जिला उप रजिस्ट्रार को इस संबंध में निर्वाचन अभ्यर्थना प्राप्त करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में चुनाव से संबंधित कुल पंजीकृत संस्थाओं की संख्या लगभग 25 हजार है।