हालांकि प्रत्याशियों के विरोध को देखते हुए प्रदेश प्रभारी पलक वर्मा और सह प्रभारी विनित कम्बोज ने प्रदेश अध्यक्ष सहित विभिन्न पदों के लिए चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की बैठक बुलाई थी और उनकी आपत्तियों को सुना था और उनकी बात पार्टी के आला नेताओं तक पहुंचाने की बात कही। हालांकि इस बारे में जब प्रदेश प्रभारी से बात की तो उनका साफ कहना है कि चुनाव में किसी भी प्रकार की तब्दीली नहीं की जाएगी, चुनाव ऐप से होगा।
अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने दिल्ली लगाई गुहार
वहीं युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे ज्यादातर प्रत्याशियों ने ऐप से चुनाव नहीं कराने की मांग को लेकर युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अग्रिम संगठनों के प्रभारियों को ईमेल कर गुहार लगाई है। प्रत्याशियों का कहना है कि बैलेट पेपर या टैबलेट से चुनाव करवाए जाएं।
प्रत्याशी काट रहे मोबाइल कंपनियों के चक्कर
दरअसल मोबाइल से ऐप चुनाव कराने की चर्चा के बाद प्रत्याशियों के होश उड़े हुए हैं,दरअसल राजस्थान युवा कांग्रेस में इस बार 4.50 लाख मतदाता बने हैं। जिनमें चुनाव लड़ने वाले नेताओं ने अपने-अपने समर्थकों को मतदाता बनाने के लिए अलग-अलग मोबाइल सिम से उनका रजिस्ट्रेशन कराया, लेकिन उसके बाद उन सिम को बंद करवा दिया।
ऐसे में अगर ऐप से चुनाव होता है तो मतदाता को वहीं नंबर डालना होगा जिससे उसका नाम मतदाता के तौर पर रजिस्ट्रर हुआ था।
अगर मतदाता वो नंबर डालता है तो ओटीपी उसी नंबर पर जाएगा और जब तक ओटीपी नहीं डाला जाएगा तब तक मतदाता वोट नहीं कर पाएगा और उसका नुकसान प्रत्याशी को उठाना पड़ेगा। इसके चलते कई प्रत्याशी अब वहीं नंबर चालू करवाने के लिए मोबाइल कंपनियों के चक्कर काट कर रहे हैं।