हालांकि राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को अप्रेल 2020 तक इंतजार करना था, जहां राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होने हैं, लेकिन सैनी के निधन से अब खाली हुई सीट पर 6 माह के भीतर ही चुनाव होगा। नियमों के मुताबिक खाली हुई सीट पर 6 माह में चुनाव कराना आवश्यक है। सैनी के निधन से खाली हुई सीट का कार्यकाल अप्रेल 2024 तक है।
कांग्रेस के विश्वस्त सूत्रों की माने तो खाली हुई सीट के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम खासा चर्चा में है। असम से राज्यसभा के लिए चुनकर आने वाले सिंह का कार्यकाल हाल ही में पूरा हुआ है, वे अब किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। सोमवार को दिल्ली में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से उनके आवास पर जाकर मुलाकात भी की थी।
इस मुलाकात को भी राज्यसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जाता है कि मनमोहन सिंह के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह और अभिषेक मनु सिंघवी का नाम भी इस सीट के लिए पार्टी के भीतर चर्चा में है।
ये रहेगा चुनाव का गणित
खाली हुई सीट पर संख्या बल के लिहाज से कांग्रेस के खाते में जाने की पूरी संभावना है, क्योंकि कांग्रेस के 101 विधायक हैं और 12 निर्दलीय विधायकों ने भी कांग्रेस को समर्थन दे रखा है। इसके अलावा बसपा के भी 6 विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन है। वहीं अप्रेल 2020 में तीन सीटों में से सदस्यों की संख्या के आधार पर 2 सीटों पर कब्जा होना लगभग तय है।