इससे यात्रियों के यात्रा का समय के साथ-साथ रेलवे को लाखों रुपए के राजस्व की भी बचत होगी। गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे रेल संरक्षा आयुक्त आरके शर्मा, डीआरएम मंजूषा जैन अन्य रेल अधिकारियों ने जयपुर यार्ड में इलेक्ट्रिक ट्रैक व कार्य का निरीक्षण किया। इसके बाद वेे मोटर ट्रॉली से कनकपुरा के लिए रवाना हुए। वहां भी निरीक्षण कर स्पेशल ट्रेन से रवाना हुए।
उन्होंने पुलिया, गांधीनगर, जगतपुरा स्टेशन समेत अन्य स्टेशनों का निरीक्षण किया और बस्सी पहुंचे। वहां से इलेक्ट्रिक इंजन से संचालित ट्रेन का ढिगावड़ा तक 115 किमी. प्रतिघंटा की रफ्तार स्पीड ट्रायल किया। वहां से रात आठ बजे स्पीड ट्रायल शुरू कर कनकपुरा पहुंचे। सीआरएस निरीक्षण संपन्न कर जयपुर जंक्शन लौट आए। खुशी जताते हुए रेलवे अधिकारियों ने बताया कि स्पीड ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा।
इधर, कोरोना के चलते धीमी पड़ी गति, यहां भी जल्द फर्राटा भरेंगी इलेक्ट्रिक ट्रेनें
जयपुर -अहमदाबाद- मुंबई: बांगडग़्राम से गुडिया 47 किमी में फाउंडेशन का काम चल रहा है। यह मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है। – स्वरूपगंज- मावल 40 किमी दूरी में महज तारों की खींचने का काम चल रहा है। यह अगले माह के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।
जयपुर -सवाई माधोपुर रेलमार्ग: शिवदासपुरा से जयपुर जंक्शन 29 किमी में तार का काम शेष है। संभवत यह दिसंबर माह तक पूरा हो जाएगा। जयपुर-रींगस रेलमार्ग: 57 किमी रेलमार्ग में विद्युतीकरण का काम चल रहा है।