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जयपुर

महाराष्ट्र और एमपी के बाद सर्वाधिक महंगी बिजली राजस्थान में

– 22 राज्यों में तीसरे पायदान पर आया राजस्थान- बिजली बिल बेतहाशा बढ़ने के बाद पत्रिका ने किया स्कैन- 28 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज लंबित, कभी भी बढ़ सकता है बोझ

जयपुरSep 10, 2020 / 01:53 pm

Santosh Trivedi

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
जयपुर। बिजली बिल (सरचार्ज, सेस सहित) में बेतहाशा बढ़ोत्तरी के मामले में राजस्थान देश में तीसरे पायदान पर पहुंच गया है। चिह्नित घरेलू श्रेणी में महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश, कृषि श्रेणी में महाराष्ट्र व बिहार के बाद राजस्थान अव्वल है। यहां 500 यूनिट तक बिजली उपभोग कर रहे घरेलू उपभोक्ता को हर माह 4190 रुपए देने पड़ रहे हैं, जबकि पंजाब, दिल्ली, यूपी, बिहार, हरियाणा के शहरों में यह शुल्क 3300 से 3840 रुपए तक है। दिल्ली में तो घरेलू उपभोक्ता स्लैब में दर 2.73 रुपए प्रति यूनिट तक कम है। पत्रिका ने देश के 22 राज्यों के विद्युत टैरिफ का स्केन किया तो यह स्थिति सामने आई।

दिल्ली सरकार ने 2 दिन पहले ही फिक्स चार्ज में आधे से ज्यादा कमी की है जबकि राजस्थान में डिस्कॉम्स फ्यूल सरचार्ज के नाम पर लंबित 28 पैसे प्रति यूनिट का बोझ भी कभी भी जनता पर डाल सकती हैं। हालांकि डिस्कॉम का तर्क है कि राजस्थान में स्थितियां अलग है, सब्सिडी राशि भी ज्यादा है। राज्य में 1.52 करोड़ विद्युत उपभोक्ता हैं।

200 यूनिट तक कहां क्या आ रहा बिल:
गुडगांव——1050 रुपए
नोएडा——1410 रुपए
भोपाल——1320 रुपए
अमृतसर——1378 रुपए
पटना——1310 रुपए
जयपुर——1670 रुपए

(अन्य शहरों में 200 यूनिट तक किलोवॉट आधार पर प्रतिमाह बिल राशि, जबकि जयपुर में स्थाई शुल्क है आधार)

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देश में हमारी स्थिति:
राज्य- घरेलू दर (रुपए प्रति यूनिट) —— कृषि दर
महाराष्ट्र —— 11.11 —— 3.81
मध्यप्रदेश —— 8.27 —— 5.99
राजस्थान —— 8.13 —— 5.95
बिहार —— 8.07 —— 5.95
कर्नाटक —— 7.79 —— 3.90
पंजाब —— 7.59 —— 5.83
पश्चिम बंगाल —— 7.55 —— 4.86
केरल —— 7.51 —— 2.16
असम —— 6.97 —— 5.10
उत्तरप्रदेश —— 6.76 —— 2.94
आंध्रप्रदेश —— 6.45 —— 2.26
हरियाणा —— 5.65 —— 0.30
दिल्ली —— 5.40 —— 3.55
मेघालय —— 5.35 —— 4.70
गुजरात —— 5.29 —— 0.87
उत्तराखंड —— 5.22 —— 2.18
ओडिशा —— 5.13 —— 1.71
छत्तीसगढ़ —— 5.08 —— 5.38
तमिलनाडु —— 3.51 —— 3.22
हिमाचलप्रदेश —— 3.36 —— 1.05
गोवा —— 3.15 —— 1.92
जम्मू-कश्मीर —— 2.83 —— 0.91

(घरेलू श्रेणी में 500 यूनिट प्रतिमाह, कृषि श्रेणी में 7.5 किलोवॉट व 817 यूनिट तक उपभोग के आधार पर। इसमें फ्यूल सरचार्ज, सेस व अन्य कर अलग हैं। कृषि श्रेणी उपभोक्ताओं को ज्यादातर राज्यों में सब्सिडी मिल रही है। राजस्थान में 5.95 रुपए प्रति यूनिट दर तय है। इसमें से सरकार 4.95 रुपए सब्सिडी दे रही है)

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औद्योगिक-कामर्शियल में हम 5 से सातवें नंबर तक:
1. कॉमर्शियल श्रेणी: 9.68 रुपए प्रति यूनिट दर है। महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और आंधप्रदेश के बाद राजस्थान।

2. लघु व मध्यम औद्योगिक श्रेणी: पांच राज्यों के बाद सर्वाधिक दर राजस्थान में है। लघु औद्योगिक श्रेणी में पहले ५ राज्यों में उत्तरप्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार व हरियाणा हैं। मध्यम श्रेणी में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश व दिल्ली शामिल हैं।

3. वृहद औद्योगिक श्रेणी: हम 8.44 रुपए प्रति यूनिट दर के साथ सातवें पायदान पर हैं। पहले ६ राज्यों में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश व केरल हैं।
(इसमें फ्यूल सरचार्ज, जल संरक्षण उपकर, अरबन सेस शामिल नहीं हैं)

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टैरिफ के अलावा 5 सरचार्ज-कर का बोझ:

1. अरबन सेस: शहरी उपभोक्ताओं से 15 पैसे प्रति यूनिट।
2. इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी: सभी उपभोक्ताओं से 40 पैसे प्रति यूनिट।
3. जल संरक्षण उपकर: 10 पैसे प्रति यूनिट वसूली। ग्रामीण उपभोक्ता इसमें शामिल नहीं।
4. फ्यूल सरचार्ज: अभी 30 पैसे प्रति यूनिट तय किया, जो सितम्बर से नवम्बर के बीच हर माह १० पैसे प्रति यूनिट लेंगे।
5. अडानी भुगतान भार: अडानी पावर के 2700 करोड़ रुपए चुकाने का भार 1.20 करोड़ उपभोक्ताओं पर डाला। 36 माह तक 5 पैसे प्रति यूनिट वसूली।

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