Electricity crisis: राजस्थान में सुधरे हालात, विद्युत गृहों में उत्पादन शुरू
राज्य में पिछले सात दिनों में तीन तापीय विद्युत गृहों की इकाइयों में बिजली का उत्पादन ( power generation ) शुरु कराकर 1455 मेगावाट विद्युत उत्पादन ( thermal power plants ) बढ़ाया गया है। सूरतगढ़ तापीय विद्युत गृह ( Suratgarh Thermal Power ) , कोटा तापीय विद्युत गृह ( Kota Thermal Power Station ) और कालीसिंध तापीय विद्युत गृह ( Kalisindh Thermal Power Station ) में उत्पादन शुरु हो गया है।
Electricity crisis: राजस्थान में सुधरे हालात, विद्युत गृहों में उत्पादन शुरू
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मोनेटरिंग व निर्देशों से राज्य में पिछले सात दिनों में तीन तापीय विद्युत गृहों की इकाइयों में बिजली का उत्पादन शुरु कराकर 1455 मेगावाट विद्युत उत्पादन बढ़ाया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि केन्द्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार ने कोयले की आपूर्ति में कमी की पूर्ति करने का विश्वास दिलाया है। केन्द्रीय ऊर्जा सचिव ने चर्चा के दौरान बताया कि कोल इंडिया की अनुशंगी इकाई एसईसीएल क्षेत्र में श्रमिकों के दुर्गा पूजा त्योहार के कारण अवकाश पर जाने से रैक का डिस्पेच प्रभावित हुआ है, जिसकी दो तीन दिन में ही पूर्ति कर दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य में विद्युत संकट और कोयले की कम आपूर्ति को लेकर गंभीर है। इसी का परिणाम है कि राज्य में तीन इकाइयों में उत्पादन शुरु करने से 1455 मेगावाट विद्युत उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। मुख्यमंत्री गहलोत की नियमित मोनेटरिंग व निर्देशों के परिणाम स्वरुप 13 अक्टूबर को सूरतगढ़ तापीय विद्युत गृह की यूनिट 7 में 660 मेगावाट विद्युत का उत्पादन आरंभ हो गया है। इससे पहले 11 अक्टूबर को कोटा तापीय विद्युत गृह की यूनिट 6 में 195 मेगावाट और कालीसिंध तापीय विद्युत गृह की यूनिट 2 में 600 मेगावाट उत्पादन शुरु हो गया है।
एसीएस एनर्जी डॉ. अग्रवाल ने बताया कि ऊर्जा मंत्री डा. बीडी कल्ला राज्य में विद्युत उपलब्धता, औसत मांग और अधिकतम मांग सहित कोयला रैक की आपूर्ति आदि की समीक्षा कर रहे हैं। आम नागरिकों की सुविधा के अनुसार रोटेशन के आधार पर विद्युत कटौती की जा रही है। वहीं आम नागरिकों को बिजली की बचत के लिए प्रेरित किया जा रहा है। राज्य में 113 अक्टूबर को बिजली की 9916 मेगावाट उपलब्धता रही, जबकि 10,790.33 मेगावाट औसत मांग व 12,779 मेगावाट अधिकतम मांग रही है। राज्य में 200 लाख 92 हजार यूनिट सोलर एनर्जी व 32 लाख 15 हजार यूनिट पवन ऊर्जा का उत्पादन रहा है।
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