scriptअब तक 1620 किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण | Electrification of 1620 km railway track | Patrika News
जयपुर

अब तक 1620 किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण

North Western Railway ।। उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से रेल विद्युतीकरण के काम तेजी से किए जा रहे हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे ने अब तक 1620 किलोमीटर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया है।

जयपुरFeb 17, 2020 / 06:29 pm

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अब तक 1620 किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण

अब तक 1620 किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण

उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से रेल विद्युतीकरण के काम तेजी से किए जा रहे हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे ने अब तक 1620 किलोमीटर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अभय शर्मा ने बताया कि ब्रॉडगेज लाइनों का विद्युतीकरण का काम स्वीकृत किया गया है, जिसमें से पिछले वर्षों में 1620 किलोमीटर लाइनों के विद्युतीकरण के काम को पूरा कर लिया गया है। बतादें कि इस लाइन पर वर्ष 2014 के बाद विद्युतीकरण का काम किया गया। वहीं, 2019-20 में उत्तर पश्चिम रेलवे लाइन पर 370 किलोमीटर रेलखंड के विद्युतीकरण का काम पूरा किया गया।
-कहां कितना हुआ काम
सूरतगढ़-विरधवाल – 27.48 कि.मी.
भीनवालिया-रानी-जवाई बांध – 61.96 कि.मी.
सवाईमाधोपुर-शिवदासपुरा – 106.54कि.मी.
कनकपुरा-फुलेरा- 48.60 कि.मी.
रेवाड़ी-महेन्द्रगढ़- 50.09 कि.मी.
अलवर-बांदीकुई- 62.25 कि.मी.
मदार-अजमेर-आदर्श नगर- 12.81 कि.मी.

उत्तर पश्चिम रेलवे पर भिवानी-रोहतक रेलखंड पर डीजल ट्रैक्शन से चलने वाली 8 पैसेंजर ट्रेन और रोहतक-हिसार रेलखंड पर डीजल ट्रैक्शन से चलने वाली 2 पैसेंजर ट्रेन का संचालन इलेक्ट्रीक ट्रैक्शन पर किया जा रहा है। इसके अलावा अलवर-रेवाड़ी-भिवानी-हिसार-भटिंडा एवं रोहतक-भिवानी रेलखंड पर मालगाड़ियों का संचालन भी इलेक्ट्रीक ट्रैक्शन पर किया जा रहा है। वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे पर 912 किलोमीटर विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है और इसके अतिरिक्त 2,946 किलोमीटर के विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत है। इन विद्युतीकरण कार्यों के पूरा होने पर संपर्क विद्युतीकृत लाइनें आपस में जुड़ने के बाद इन पर विद्युतीकृत रेलगाड़ियों का संचालन शुरू किया जाएगा।
-होंगे ये फायदे

ट्रेनों की औसत गति में वृद्धि
डीजल इंजन के धुएं से होने वाले प्रदूषण से मुक्ति
विद्युत इंजनों की लोड क्षमता अधिक होने के कारण अधिक भार वहन
अधिक ट्रेनों के संचालन संभव
इलेक्ट्रीक ट्रेनों का उत्पादन अधिक होने और इनमें अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग के कारण अधिक सुविधाएं
ईंधन आयात पर निर्भरता में कमी
डीजल की अपेक्षा बिजली की लागत कम होने से राजस्व की बचत
डीजल इंजन से विद्युतीकृत लाइन पर इंजन बदलने वाले समय में कमी

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