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जयपुर

DataMail : हिंदी, गुजराती, मराठी के बाद अब कन्नड़ भाषा में भी ई—मेल की सुविधा

अभी तक 15 भारतीय भाषाओं में बना चुके है ई—मेल सर्विस

जयपुरAug 17, 2020 / 08:21 pm

surendra kumar samariya

DataMail : हिंदी, गुजराती, मराठी के बाद अब कन्नड़ भाषा में भी ई—मेल की सुविधा

DataMail : हिंदी, गुजराती, मराठी के बाद अब कन्नड़ भाषा में भी ई—मेल की सुविधा

सुरेंद्र बगवाड़ा , जयपुर


अब कर्नाटक ( Karnataka ) के लोग अपनी कन्नड़ भाषा ( Kannada language ) में भी ई—मेल आईडी बना सकेंगे। ई—मेल कर और प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए जयपुर की आईटी फर्म डेटा एक्सजेन टेक्नोलॉजी ने मेड इन इंडिया सर्वर ‘डेटामेलडॉटइन’ पर कन्नड़ भाषा में सुविधा शुरू कर दी है। ई—मेल सर्विस ( email service ) में भाषा की बाधा को तोड़ते हुए अभी तक अरेबिक, रशियन, चाइनीज, जापान, थाई, कोरियन सहित गैर अंग्रेजी भाषा में 15 भारतीय भाषाओं में ई—मेल शुरू हो चुकी है।
स्वतंत्रता दिवस पर कन्नड़ ई—मेल सर्विस की शुरूआत हुई। यह सुविधा अपनी भाषा में ई—मेल को पढ़ने और समझने में आसान रहेगी। जानकारी अनुसार, यह सुविधा व्यक्तिगत के लिए फ्री है। वहीं, कॉर्पोरेट के लिए राशि चुकानी पडेगी। वहीं, कंपनी के अनुसार इस साल 6 अन्य मातृभाषाओं में भी सुविधा शुरू की जाएगी।
वर्ल्ड वाइड वेब पर भारतीय भाषाओं में कम कंटेंट

डेटा एक्सजेन टेक्नोलॉजीज के फाउंडर व सीईओ अजय डाटा ने बताया कि एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ल्ड वाइड वेब ( world wide web ) पर भारतीय भाषाओं में केवल 0.1 प्रतिशत से भी कम कंटेंट है। रिपोर्ट के अनुसार 89% से अधिक लोग गैर-अंग्रेजी भाषी है। जिन्हें अंग्रेजी में पढ़ने और संवाद करने में परेशानी होती है। कारण है कि कम्यूनिकेशन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा विश्वव्यापी वेब पर अंग्रेजी है। ‘कन्नड़’ ईमेल सेवा लोगों को अपनी मातृभाषा में कन्नड़ और अन्य भाषाओं में संवाद करने की अनुमति देगी।
आत्मनिर्भर भारत पहल में आएगी तेजी

वेबिनार के जरिए ई—मेल सर्विस को लॉन्च किया गया। इसमें किरण मजूमदार शॉ और टी. वी. मोहनदास पई सहित पॉलिटिकल एक्शन कमिटी के मेंबर शामिल हुए। मोहनदास ने कहा इस पहल से पीएम नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत पहल को और तेजी मिलेगी। आशा है कि कर्नाटक सरकार इसे राज्य के अंदर उपयोग में लाएगी। मजूमदार ने कहा कि भारतीय भाषाओं के लिए बडी पहल है। डाटा ग्रुप के चेयरमैन बाबूलाल डाटा ने भी भारतीयों को इसके इस्तेमाल करने और अपनी भाषा को बढावा देने के लिए कहा।
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