नफरत खत्म कर दो, शुरू करो एक नई जिंदगी: मुफ्ती
जयपुर शहर मुफ्ती मोहम्मद जाकिर नोमानी बता रहे हैं रमजान की अहमियत
जयपुर. रमजान का मुबारक महीना हमारे लिए मौका लेकर आया है, हमें जिंदगी जीने के तरीके में बदलाव कर लेना चाहिए। बुराइयां छोड़ देनी चाहिए और अच्छाइयां ग्रहण करना चाहिए। जब रमजान की अहमियत पर जयपुर शहर मुफ्ती मोहम्मद जाकिर नोमानी से दरयाफ्त किया तो उन्होंने बताया कि रिवायत में है कि बदगुमानी (सच्चाई के मार्ग से फिसलन) से बचो, बदगुमानी बहुत झूठी बात ह।ै दूसरों की टोह में न लगो और आपस में हसद (ईष्र्या)न रखो, एक दूसरे से मतभेद न करो, आपस में नफरत न रखो, परवरदिगार के बन्दों आपस में एक दूसरे के भाई-भाई बने रहो और परवरदिगार के बन्दे बनकर रहो, भाई-भाई बनकर रहो। इस हदीस में अच्छी जिंदगी गुजारने के गुर बताए गए हैं। बगैर किसी सबूत व दलील के सिर्फ अपने सोच विचार और खयालात से किसी के बारे में गलत राय कायम कर लेना बदगुमानी है। बिना वजह एक-दूसरे की टोह में लगना ताअल्लुक को खराब कर देता है। बन्दगी की जि़ंदगी गुजारी जाएगी तो घमंड पैदा नहीं होगा। आपस में भाईचारे की जिंदगी अपनाएंगे तो दुनिया की जिंदगी अमन, चैन और सुकून से गुजरेगी।
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