पति का अद्भुत प्रण
आम तौर पर महिला अपने पति के प्रति अपने प्रेम और उनकी लंबी आयु की कामना के साथ उपवास रखती हैं, पति भी कई मौके पर अपनी पत्नी से प्रेम का इजहार करते हैं, परंतु बिहार के पूर्णिया में एक ऐसे पति भी हैं जिन्होंने अपनी पत्नी से प्रेम का इजहार करने के लिए अनूठा प्रण लिया है। नम आंखों से भोलानाथ ने कहते हैं कि साथ जीने-मरने के अपने वादे को निभाने के लिए उन्हें कोई और तरीका नहीं दिखा इसलिए उन्होंने यही तरीका अपनाया। भोलानाथ प्रतिदिन इन अस्थियों को देखते और सहलाते हैं। दरअसल, उन्होंने घर के गार्डन में एक आम के पेड़ की शाखा पर पत्नी की अस्थियां एक कलश में समेट कर रखी हैं। उसके नीचे तुलसी का पौधा लगा हुआ है।यह कहा है बच्चों को
बकौल भोलानाथ, “मेरी पद्मा भले ही नहीं हैं, लेकिन ये अस्थियां उनकी यादें मिटने नहीं देतीं। जब भी किसी परेशानी में होता हूं, तो लगता है वह यहीं हैं। बच्चों को भी कह रखा है कि मेरी अंतिम यात्रा में पत्नी की अस्थियों की पोटली साथ ले जाना और चिता पर मेरी छाती से लगाकर ही अंतिम संस्कार करना।” वे कहते हैं कि पृथ्वीलोक में हम दोनों साथ जी भले ही नहीं सके पर साथ मरने का सुकून तो जरूर मिलेगा।वह चली गई वादा तोड़कर
वे बताते हैं, “पद्मा का भगवान पर बड़ा विश्वास था। हम दोनों की जिंदगी बढ़िया से कट रह थी परंतु करीब 27 साल पहले पत्नी बीमार हुईं। इलाज और दवा में कोई कमी नहीं हुई पर कहते हैं न कि अच्छे व्यक्ति को भगवान जल्दी अपने पास बुला लेते हैं। भगवान ने पद्मा को भी बुला लिया और पद्मा अपना वादा तोड़कर चली गई। इसके बाद हमने बच्चों की परवरिश की और अब वे बड़े हो गए।” पत्नी की बात करने पर आज भी भोलानाथ की आंखों से आंसुओं के रूप में पत्नी का प्रेम छलक पड़ता है।चर्चित है प्रेम कथा
आज भोलानाथ की यह प्रेम कहानी लोगों के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है। भोलानाथ गर्व से कहते हैं, “यहां अभी न सही परंतु ऊपर जब पद्मा से मिलूंगा, तब यह तो बता सकूंगा कि मैंने अपना वादा निभाया।”पूरी करेंगे इच्छा
भोलानाथ के दामाद ( Son-in-Law ) अशोक सिंह कहते हैं कि यह अनूठा प्रेम है। उन्होंने कहा कि उनकी अंतिम इच्छा हम लोग जरूर पूरी करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे बिरले ही होते हैं। उन्होंने कहा कि पानी, धूप से बचने के लिए इस कलश को प्लास्टिक और फिर ऊपर से कपड़े से बांधकर रखा गया है।