इसी तरह इस साल जून तक 87,024 में से 17,585 झूठे मुकदमे सामने आ चुके हैं। इसमें भी हर रोज का आंकड़ा 100 फर्जी मुकदमों का है। सबूत नहीं जुटा पाने, अपराधियों के नहीं पकड़े जाने और अन्य कारणों के चलते 2017 में 28,272 प्रकरणों में एफआर लगाई है। जबकि जून 2018 तक ऐसे ही 12,756 अन्य मामलों में एफआर लगाई है। मई 2018 तक अपहरण के कुल 2555 मामलों में 1173 झूठे निकले
वर्ष 2017 के आंकड़े केस 1: जयपुर में साजिश, बूंदी के पांच युवकों को फंसाया बूंदी की सरकारी स्कूल की शिक्षक ने प्रेमी संग जयपुर में साजिश रच बूंदी के 4 युवकों के खिलाफ गैंग रेप का मामला दर्ज कराया। बाद में मामला झूठा निकला। पांच निर्दोष जेल जाने से बच गए। शिक्षिका ने प्रेमी के खिलाफ मामला दर्ज कराने वालों पर दबाव बनाने के लिए झूठा मामला दर्ज कराया था।
केस 2: फांसती, फिर हाईप्रोफाइल लोगों को ठगती कानोता थाना पुलिस ने महिला व उसके साथी को गिरफ्तार किया। महिला हाईप्रोफाइल लोगों से परिचय बनाती फिर झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रुपए ऐंठ लेती थी। महिला व उसके साथियों ने टैम्पो चालक के खिलाफ शिवदासपुरा थाने में झूठा मामला दर्ज करा दिया था। बाद में रुपए ले समझौता कर लिया।
केस 3: एसओजी ने तिकड़ी का किया खुलासा एसओजी ने हाईप्रोफाइल दुष्कर्म केस में फंसाने की धमकी दे झूठे मुकदमे दर्ज कराने वाली गैंग का खुलासा कर कई युवतियों को गिरफ्तार किया। युवतियां परिचित कुछ वकील, पुलिसकर्मी और दलालों के जरिए रसूखदार लोगों को फंसाती और झूठे मामले दर्ज करा देती थीं।