देश में हर साल 35 लाख बच्चों का जन्म समय से पहले
देश में हर साल 35 लाख बच्चों का जन्म समय से पहले…
3.5 million children born in the country before time
जयपुर.
डॉक्टरों ने एक शौध में समय पूर्व प्रसव और मां की उम्र के बीच गहरा सम्बंध पाया है। मां की उम्र 40 वर्ष से ऊपर होनी की स्थिति में समय पूर्व प्रसव का खतरा बढ़ जाता है। डब्ल्युएचओ के अनुसार हर साल दुनियाभर में करीब 1.5 करोड़ बच्चे समय से पहले जन्म लेते हैं, इस हिसाब से अनुपात हर 10 बच्चे के जन्म पर 1 बच्चा है। अकेले भारत में हर साल जन्म लेने वाले 2.7 करोड बच्चों में से 35 लाख बच्चे समय से पहले जन्म ले लेते हैं।
डॉक्टर मानते हैं कि मां की अधिक उम्र यानी 40 साल से ऊपर की आयु होने पर गर्भ के 37 हफ्ते पूरे होने से पहले बच्चे के जन्म का खतरा बढ़ जाता है। इस उम्र में महिलाओं के योनि और गर्भाशय में कुछ खास तरह के बैक्टीरिया की मौजूदगी समयपूर्व प्रसव के खतरे को बढ़ाती है। ला फेम की डॉ. स्मिता वैद ने बताया कि आजकल शहरी महिलाएं बच्चे प्लान करने में देरी करती हैं, ऐसे में मां की बढ़ती उम्र और बच्चे के जन्म के बीच गहरा सबंध होता है।
भारत में समय से पहले बच्चे का होना कड़ी समस्या -:
भारत में समय पूर्व जन्म जन स्वास्थ्य से जुडी एक बड़ी समस्या है, क्योंकि इससे नवजात की मृत्यु का खतरा जीवन के पहले 28 दिनों के भीतर काफी बढ जाता है, इसके बाद भी बच्चे के जीवन में कई तरह की समस्या और मृत्यु का खतरा बना रहता है, कई मामलो में आगे चलकर डिसेबिलिटी की समस्या भी सामने आ जाती है। इन बच्चों में सेरिब्रल पेल्सी, सेंसरी डेफिसिट, लर्निंग डिसएबिलिटी और सांस सबंधी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
बच्चों के समय से पहले होने के दूसरे कारण -:
डॉ. स्मिता वैद ने बताया कि उम्र के अलावा समय पूर्व बच्चे होने के और भी कारण हैं, जिनमें प्लेसेंटा प्रीविया, जेस्टेशनल डायबीटीज, पहला बच्च होना, धूम्रपान व अन्य कारक शामिल हैं।