गौसेवा के जरिए साम्प्रदायिक सेवा की मिसाल
गौसेवा के जरिए साम्प्रदायिक सेवा की मिसाल
गौसेवा के जरिए साम्प्रदायिक सेवा की मिसाल
सीकर में शेखावाटी के कांवट का एक मुस्लिम परिवार मानव धर्म की नजीर पेश कर रहा है। परिवार देश के हर शख्स की सलामती के लिए न केवल भूखे.प्यासे रहकर रोजे रख रहा है बल्कि इस दौरान बच रहे अपने हक के खाने को जरूरतमंद तक भी पहुंचा रहा हैं। गौ सेवा की पहले से मिसाल मोहम्मद ईश्हाक के इस परिवार की बूढ़ी मां सायरा बानो कहती हैं कि रोजे केवल मुस्लिमों के लिए नहीं पूरे देशवासियों की सेहत के लिए रखे हैं। चूंकि बात देश की है तो प्रधानमंत्री मोदी कहें तो वह आगे भी जरूरत पडऩे तक भूखी रहकर अपना हक जरूरतमंदों को दे सकती है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी की लॉकडाउन की अपील पर भी परिवार ने घर में दीपक जलाकर एकता व सौहार्द की मिसाल पेश की थी।
पूरा परिवार रोजे पर
मोहम्मद ईश्हाक के परिवार में पिता अब्दुल रज्जाक, मां सायरा बानो, तीन बेटियां शाहीना, सादिया व जारा, बहन मुकीम बानो, छोटा भाई लतीफ, उसकी पत्नी अफसाना बानो, भाई मुश्ताक खान और पत्नी रुकसाना बानो सहित 11 लाग हैं। इनमें छह साल की बेटी जारा को छोड़ पूरा परिवार रोजे रख रहा है। दादा मकबूल खां भी जरूरतमंदों को राशन के पैकेट बांट रहे हैं।
ई मित्र पर भी जरूरतमंदों की सेवा
ईश्हाक ने गुहाला में अपने ई.मित्र को भी सेवा का साधन बना रखा है। विधवा गरीब, अनाथ व विकलांगों को वह निशुल्क सुविधा उपलब्ध करवाते हैं। अपनी पहल पर वह उन्हें सरकारी योजनाओं के लाभ से भी जोड़ते हैं। यही नहीं हिंदू धार्मिक मेलों व शोभायात्राओं में भी उसकी टीम पानी व छबील पिलाने से लेकर हर तरह की मदद करती है।
गौ सेवा की मिसाल
उनका परिवार गौ सेवा करने में मिसाल कर चुका है। उनका परिवार घर में गाय पालकर उसकी सेवा कर रहा है, साथ ही ईश्हाक घर के साथ आवारा गायों को रोज सुबह चारा डालने व घायल गायों की देखरेख का नियम बरसों से निभा रहा है।
अजान के साथ मस्जिद से कोरोना का संदेश
गौरतलब है कि ईश्हाक पांच वक्त का नमाजी है। मस्जिद में पांच समय की अजान व नमाज के साथ वह माइक से कोरोना वायरस से बचाव के उपाय भी बताता है। जिसमें बार बार हाथ धोने, मुंह पर मास्क व हाथ में दस्ताने पहनने की हिदायत के साथ लोगों को केंद्र व राज्य सरकार के लॉकडाउन के निर्देश मानने की भी सलाह देता है। बकौल ईश्हाक सबसे बड़ा धर्म तो इंसानियत का है।
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