दरअसल प्रदेश में 50 के लगभग बोर्ड, निगम, आयोग और और नगर विकास न्यास हैं जिनमें राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं, लेकिन बड़ी बात यह है कि राजनीतिक नियुक्तियों में किसे एडजस्ट किया जाए और किसे नहीं इसे लेकर सत्ता और संगठन में खासी माथापच्ची हो रही है।
बोर्ड, निगमों-आयोगों के लिए सैकड़ों की तादाद में है दावेदारी
हालांकि हालांकि प्रदेश में बोर्ड, निगम, आयोग और यूआईटी के लिए प्रदेश स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियां होनी है लेकिन बड़ी बात यह है कि इनके लिए कांग्रेस में ही सैकड़ों नेताओं की दावेदारी है जिनमें पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और अन्य नेताओं के नाम शामिल हैं ऐसे में सत्ता और संगठन के सामने सबसे बड़ी दुविधा यह है कि किसे नियुक्तियों में एडजस्ट किया जाए और किसे नहीं?
राजनीतिक नियुक्तियों के लिए विधायकों की भी दावेदारी
वहीं दूसरी ओर सत्ता और संगठन के लिए विधायकों की ओर से राजनीतिक नियुक्तियों की दावेदारी भी सिरदर्द बनी हुई है। सियासी संकट के दौरान सरकार का साथ देने वाले विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट करने की बात कही गई थी। कई विधायक बोर्ड, निगमों के चेयरमैन बनने के लिए लगातार लॉबिंग कर रहे हैं। अब सत्ता और संगठन के सामने दुविधा ये है कि अगर इन विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट नहीं किया गया तो सत्ता संगठन को विधायकों की नाराजगी का खमियाजा भुगतना पड़ सकता है।
जयपुर से दिल्ली तक लॉबिंग
प्रदेश स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट होने के लिए जयपुर से दिल्ली तक लॉबिंग चल रही है। कई नेता राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट होने के लिए दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क साध रहे हैं।
इन बोर्ड निगमों में होनी है राजनीति नियुक्तियां
दरअसल जिन बोर्ड निगम और आयोगों में राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं उनमें महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, निशक्तजन आयोग, एससी-एसटी आयोग, ओबीसी आयोग, समाज कल्याण बोर्ड, मदरसा बोर्ड, हज कमेटी अल्पसंख्यक वित्त निगम, वक्फ बोर्ड, देवस्थान बोर्ड, हाउसिंग बोर्ड, किसान आयोग, गौसेवा आयोग, बीज निगम, राजस्थान पर्यटन विकास निगम, अभाव अभियोग निराकरण समिति, माटी कला बोर्ड, केशकला बोर्ड, घुमंतु अर्ध घुमंतु बोर्ड, वक्फ विकास परिषद, मेवात विकास बोर्ड, डांग विकास बोर्ड, खादी बोर्ड, बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, नगर विकास न्यास (यूआईटी), हिंदी ग्रंथ अकादमी, उर्दू अकादमी, सिंधी अकादमी हैं।