दूसरे राज्यों की कार्रवाई की पहली घटना 28 अक्टूबर को भीनमाल में हुई। वहां तेलंगाना पुलिस की टीम ने एनकाउंटर में एक आरोपित भीमसिंह को मार गिराया। मुठभेड़ के दौरान राह चलती एक महिला की भी मौत हो गई। तेलंगाना पुलिस ने कार्रवाई से पूर्व स्थानीय पुलिस को सूचना नहीं दी। इसे लेकर क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन भी हुए। इसके बाद दूसरी घटना 13 दिसम्बर को पाली में हुई। सोना लूट के मामले में आरोपित को तलाशती हुई तमिलनाडु की पुलिस टीम पाली पहुंची। वहां आरोपित को पकडऩे के बाद हुई मुठभेड़ में गोली लगने से टीम प्रभारी पुलिस निरीक्षक की मौत हो गई और आरोपित भी फरार हो गया।
धौलपुर में हुई एक घटना में
आगरा पुलिस को बिना सूचना दिए दबिश देना भारी पड़ गया। वहां 11 जनवरी को
जगनेर पुलिस ने भैंस चोरी के आरोपित को पकडऩे के लिए सरमथुरा में दबिश दी। पुलिस ने जैसे ही एक युवक को पकड़ा, गांव वालों ने घेर लिया। एक पुलिसकर्मी ने गोली चला दी, जिससे युवक की मौत हो गई। गांव वालों के हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। स्थानीय पुलिस ने उन्हें बचाया। इसके बाद श्रीगंगानगर में पंजाब पुलिस ने तीन अपराधियों को मार गिराया।
नवम्बर 2016 में एक आतंकी सहित 6 अपराधी नाभा जेल से फरार हुए थे। इनमें ये अपराधी भी शामिल थे, जो मुठभेड़ में मारे गए। एक पर 10 लाख और दूसरे पर पांच लाख रुपए का इनाम घोषित था। वे एक गांव में आराम से ठहरे हुए थे लेकिन स्थानीय पुलिस को खबर तक नहीं थी।