गौरतलब है कि जज हनुमान प्रसाद के प्रिंटिंग व स्टेशनरी गबन मामलों की कोर्ट में नियुक्ति के दौरान ही एसीबी की टीम ने 10 मई, 2019 को एमएसीटी क्लेम केस में उनके पीए अर्जुनलाल जाट को एमएसीटी क्लेम राशि की दस फीसदी राशि का हिस्सा 80 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। एसीबी ने पीए पर जब कार्रवाई की उस समय वह बिचौलिए प्रदीप से रिश्वत की राशि ले रहा था।
हाईकोर्ट सूत्रों के अनुसार माना जा रहा है कि जज हनुमान प्रसाद के निलंबन की कार्रवाई उनके पूर्व में प्रिंटिंग व स्टेशनरी गबन मामलों की कोर्ट में नियुक्ति के दौरान हुई एसीबी की कार्रवाई के कारण ही हुई है।