जयपुर

सामूहिक आत्महत्या: खानदानी रईस थे यशवंत, मुख्य आरोपी राजेन्द्र बियानी की कुंडली खंगाल रही पुलिस

चारों शव जब अलवर स्थित घर पर पहुंचे, तब कॉलोनी वालों की आंखों में भी आंसू आ गए। बाद में यशवंत व ममता को एक चिता पर और दूसरी पर उनके बेटे अजीत और भारत की अंत्येष्टि की गई।

जयपुरSep 21, 2020 / 02:05 pm

santosh

जयपुर/अलवर. जामडोली स्थित राधिका विहार में आभूषण व्यापारी यशवंत सोनी द्वारा परिवार सहित सामूहिक आत्महत्या के मामले में रविवार को भी पुलिस हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ करने में जुटी रही। वहीं, आत्महत्या की घटना के दूसरे दिन रविवार को राधिका विहार कॉलोनी में सन्नाटा रहा। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिए और सुसाइड नोट के आधार पर व्यापारी राजेन्द्र बियानी से रविवार को भी पूछताछ करने में जुटी रही।

डीसीपी राहुल जैन ने बताया कि सुसाइड नोट के मुताबिक, मुख्य आरोप राजेन्द्र बियानी है। राजेन्द्र बियानी ने किस-किस से रुपए ले रखे हैं और उसके पास अभी कितनी सम्पत्ति है। गोपालजी का रास्ता में स्थित दुकान पर भी राजेन्द्र बियानी के पास सोने-चांदी के अलावा कितनी रकम है। बैंक खातों में कितने रुपए जमा है। इन सब के संबंध में अनुसंधान किया जा रहा है।

पोस्टमार्टम में आत्महत्या:
डीसीपी ने बताया कि पोस्टमार्टम, मौका मुआयना और सुसाइड नोट से साफ है कि पूरे परिवार ने आत्महत्या की थी। पुलिस मुख्य रूप से सुसाइड नोट पर अनुसंधान कर रही है।

एक चिता पर दम्पती तो दूसरी पर दोनों बेटे:
चारों शव जब अलवर स्थित घर पर पहुंचे, तब कॉलोनी वालों की आंखों में भी आंसू आ गए। बाद में यशवंत व ममता को एक चिता पर और दूसरी पर उनके बेटे अजीत और भारत की अंत्येष्टि की गई। यशवंत और ममता की चिता को मुखाग्नि यशवंत के छोटे भाई चेतन सोनी ने दी तथा भारत और अजीत को मुखाग्नि चचेरे भाई हिमांशु ने दी। घटना को लेकर अलवर में दूसरे दिन भी बाजार में आभूषण की दुकानें बंद रही।

काफी अच्छा चल रहा था व्यापार:
जानकारी के अनुसार यशवंत सोनी का परिवार खानदानी रईस था और अलवर में इनका सोने-चांदी का व्यापार करोड़ों रुपए का था। पिता की मौत के बाद करीब 8-10 साल पहले यशवंत सोनी अपने परिवार सहित जयपुर में बस गए और व्यापार को आगे बढ़ाया। एक्सपोर्ट ज्वैलरी बनाने में यह माहिर कारीगर थे और जयपुर में भी इनका काफी अच्छा व्यापार चल रहा था। अलवर और जयपुर के बड़े ज्वैलर्स सभी यशवंत सोनी को जानते थे। जयपुर में ज्वैलर्स व्यवसाय में उनका नाम था।

राजस्थान पाचवें नंबर:
देश में सामूहिक आत्महत्या के मामले में राजस्थान पांचवें नंबर पर है। हाल ही नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने आत्महत्या के आंकड़ें जारी किए थे। जिसमें यह खुलासा हुआ था। इस वर्ष भी जोधपुर में एक ही परिवार के 11 लोगों की एक साथ आत्महत्या ने सभी को सन्न कर दिया था।

आत्महत्या को रोका जा सकता है, सामान्यत: आत्महत्या करने वालों से कभी न कभी इस तरह के संकेत पूर्व में ही मिलने लगते हैं। ऐसे में उनकी स्थिति को पहचानना बेहद महत्वपूर्ण होता है। अध्ययन तो यह भी कहता है कि किसी व्यक्ति को तनाव या दु:खी देखने के बाद यदि उसे आत्महत्या की आशंका के बारे में पूछ लिया जाए तो वह ऐसे कदम से पीछे हट सकता है। उसे महसूस होता है कि उसे किसी की सहानुभूति है

– डॉ. अनिल तांबी, मनोरोग विशेषज्ञ, एसएमएस मेडिकल कॉलेज

इस सामूहिक आत्महत्या प्रकरण में सबसे महत्वपूर्ण पक्ष है कर्ज। कोरोना काल में लोगों को कर्ज चुकाने में दिक्कत हो रही है। जब लोन देने वाले रिकवरी करने आते हैं तो उससे उनकी प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंचती है। सार्वजनिक रूप से प्रतिष्ठा समाप्त होने का डर सामूहिक आत्महत्या का सबसे बड़ा कारण बन रहा है। इसमें केंद्र व राज्य सरकारें भी दोषी हैं। वे जनता की समस्या सुलझाने में नाकाम हो गई है। बाजार की यही स्थिति रही तो ऐसी घटनाओं का क्रम आ जाएगा।
– प्रो. राजीव गुप्ता, समाजशास्त्री

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