आंधी-तूफ़ान से बचने के लिए अब पक्के निर्माण
दरअसल, विगत दिनों में आंधी-तूफ़ान और तेज़ बरसात ने किसानों के पड़ाव स्थल पर कई बार भारी नुकसान पहुंचाया। प्राकृतिक विपदा कभी किसानों के तम्बुओं को उड़ा ले गई तो कभी उनके इस अस्थाई रहवास में काफी तबाही मचाई। इन परिस्थितियों के मद्देनज़र अब किसान नेताओं की पहल पर यहाँ मजबूत निर्माण बना दिए गए हैं।
‘आशियानों’ में लगे कूलर
तम्बुओं से पक्के ‘आशियाने’ में तब्दील हुए निर्माण में भीषण गर्मी को ध्यान में रखते हुए भी ख़ास इंतज़ाम किये गए हैं। कई नए और मजबूत निर्माण यहाँ उन सामग्रियों को काम में लेते बनाए गए हैं जिनसे गर्मी का असर कम रहता है। यही नहीं कुछ निर्माणों में तो भीषण गर्मी से बचने के लिए बाकायदा कूलर्स तक लगाए गए हैं।
भारतीय किसान यूनियन के राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील ने कहा है कि हमारे मोर्चे पर आशियानों को मजबूत किया गया है, हम लंबी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहे है। किसानों का दृढ़ स्टैंड है कि जब तक तीनों काले कानून निरस्त ना हो और एमएसपी पर कानून ना बने तब तक किसान आन्दोलन वापस नहीं लिया जाएगा।
टिकैत भी ले चुके नुकसान का जायज़ा
शाहजहांपुर-खेडा बोर्डर पर जारी किसानों के पड़ाव स्थल पर पिछले दिनों आंधी-तूफ़ान और तेज़ बरसात से हुए नुकसान का जायज़ा लेने किसान नेता राकेश टिकैत भी पहुंचे थे। तब टिकैत ने ही ही किसान आंदोलन लंबा चलने का ज़िक्र करते हुए पड़ाव स्थल के निर्माणों को मजबूत करने के निर्देश दिए थे। टिकैत ने कहा था कि चाहे आंधी, तूफ़ान या बारिश आये, किसानों के हौंसले कम नहीं होंगे। इसके बाद प्रदेश के किसान नेताओं की मौजूदगी में अब पक्के और मजबूत तम्बू बना दिए गए हैं।