प्रदेश में शिविरों का आयोजन कर किसानों को कर्जमाफी के प्रमाण पत्रों का वितरण किया जा रहा है और अब तक 502 शिविरों का आयोजन हो चुका है और एक लाख 8 हजार 315 किसानों को 319.14 करोड़ रुपये के कर्जमाफी के प्रमाण पत्रों का वितरण किया जा चुका है। इन शिविरों में किसान द्वारा मूल ऋणमाफी के बाद शेष बकाया राशि जमा कराने एवं ऋण के लिये आवेदन करने पर पूर्व में जितना ऋण स्वीकृत था उतना ऋण किसान को मुहैया कराया जा रहा है।
मंत्री किलक ने बताया कि शिविरों में 84 हजार 357 सीमान्त एवं लघु किसानों का 239 करोड़ 88 लाख रुपये का मूल ऋण, 9 करोड़ 32 लाख रुपये ब्याज राशि एवं 2 करोड़ 31 लाख रुपये की शास्ति राशि सहित कुल 251 करोड़ 51 लाख रुपये की कर्जमाफ किया गया है। इसी प्रकार अन्य श्रेणी के 23 हजार 958 किसानों का 67 करोड़ 64 लाख रुपये का कर्ज माफ किया गया है।
जैसे जैसे किसानों के ऋण खातों का वेलिडेशन का कार्य पूरा होता जा रहा है वैसे ही ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कर्जमाफी के प्रमाण पत्रों के वितरण हेतु शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। किसान को दी जाने वाली कर्जमाफी में किसी प्रकार की त्रुटि नहीं रह जाये इसके लिये बैंक एवं ग्राम सेवा सहकारी समितियों के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा बड़ी सावचेती के साथ डेटा वेलिडेशन का कार्य किया जा रहा है।
कर्जमाफी लाभ के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था, शिकायत का भी प्रावधान कर्जमाफी के लाभ से कोई पात्र किसान वंचित नहीं रह जाये इसको सुनिश्चित करने के लिये हमने त्रिस्तरीय व्यवस्था बनाई है। किसान सर्वप्रथम वह अपनी शिकायत संबंधित ग्राम सेवा सहकारी समिति में दे सकता है। यदि किसी किसान को कर्जमाफी की राशि या उसको इसके लिये पात्र नहीं माने जाने के संबंध में किसी प्रकार की कोई आपत्ति है तो इसके समाधान के लिये जिला स्तर पर कमेटी बनाई गई है और यदि इसके स्तर पर भी किसान को समाधान नहीं मिल पाता है तो वह परिवेदना कमेटी के सम्मुख अपना पक्ष रख सकता है।