आपको बता दें कि केन्द्र की ओर से किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना है। इस योजना के तहत किसानों को फसल खराबे के बाद बीमा मिलता है। लेकिन इसके लिए किसानों को फसल का बीमा करवाना जरूरी है। लेकिन इस बीमा का क्लेम मिलने में किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ जाता है। क्योंकि बीमा क्लेम की औपचारिकताओं को पूरा करने में काफी समय लगता है। लेकिन अब फसल बीमा योजना के तहत अब देश के दस राज्यों के 96 जिलों में अंततः ड्रोन से फसलों का आंकलन किया जाएगा। इस आंकलन से ही इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि बीमा की रकम कितनी हो। यह सब ड्रोन के जरिए खेतों के जायजे के बाद ड्रोन से त्वरित गति से मिलने वाली तस्वीरों से तय किया जाएगा। विदेशों में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि भारत में पायलट फेज में ड्रोन से फसलों का आंकलन करवाया जाएगा।
इस साल शुरू हुई थी योजना
आपको बता दें कि 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की गई। हालांकि बिहार पश्चिम बंगाल से शुरूआत में इस योजना को लागू करने के लिए मना कर दिया था। चीन और अमेरिका में भारत की तुलना में बीमा कवरेज काफी ज्यादा होता है। चीन और अमेरिका क्रमशः 70 और 90 प्रतिशत बीमा कवरेज किसानों को देते हैं, जबकि भारत में 18 फरवरी 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित की गई यह महत्वाकांक्षी योजना तीन साल बाद मात्र 24 प्रतिशत कवरेज कर पाई। आपको बता दें कि अभी फसल खराबे की स्थिति में ब्लॉक और राजस्व विभाग के कर्मचारियों की ओर से खराबे का आंकलन किया जाता है। कई जगह बीमा कंपनी की ओर से भी खराबा देखा जाता है। इस प्रक्रिया में काफी समय लगता है। लेकिन ड्रोन के जरिए फसल का सही आंकलन और तेज गति से आंकलन किया जा सकता है।