दौसा जिले के पचवारा इलाके में मूंगफली की खुदाई व कटाई का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। जिले में सर्वाधिक मंूगफली की बिक्री लालसोट मण्डी में होती है। यहां प्रतिदिन करीब 10 हजार कट्टे मूंगफली की आवक हो रही है। दौसा मण्डी में भी मूंगफली की आवक हो रही है। समर्थन मूल्य पर मूंगफली की खरीद शुरू नहीं होने से किसान गांवों में ही छोटे व्यापारियों को या मंडियों में औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं।
इस वर्ष दौसा के पचवारा (नांगलराजावतान, रामगढ़पचवारा) व लालसोट इलाके में मूंगफली की बम्पर पैदावार हुई है। किसानों ने मानसून की अच्छी बारिश होने के कारण अधिकांश खेतों में मूंगफली की बुवाई की थी।
किसान गंगासहाय, शम्भूदयाल छारेड़ा ने बताया कि इस वर्ष मंूगफली की अच्छी पैदावार हुई है, लेकिन बाजार में भाव नहीं मिल रहे हैं। यदि हाल ही में मंूगफली की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू हो जाती तो उनको बुवाई के लिए कर्ज उधार नहीं लेना पड़ेगा।
दौसा सहकारी समिति के रजिस्ट्रार आर के मीना ने बताया कि अभी तक इस वर्ष मूंगफली की खरीदादारी की गाइड लाइन ही नहीं आई है, लेकिन 15 अक्टूबर से ऑनलाइन रजिस्ट्रेश शुरू होने की सम्भावना है, खरीददारी तो नवम्बर में ही शुरू होगी।
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यहां-यहां खुलते हैं खरीद केन्द्र— सरकार दौसा जिले में पांच स्थानों पर क्रमश: दौसा, लालसोट, बांदीकुई, महुवा व मण्डावरी में मूंगफली खरीद केन्द्र खोलती है। दौसा क्रय विक्रय समिति प्रबंधक रविकांत मीना ने बताया कि अभी ऑनलाइन रजिस्टे्रश प्रक्रिया 15 अक्टूबर से शुरू होने की सम्भावना है, लेकिन खरीदारी तो नवम्बर में ही शुरू होगी।
रबी में सरसों का नहीं खरीदा दाना पिछले सीजन में रबी की फसलों के गेहूं, चना व सरसों की खरीद के निर्देश थे, लेकिन सरसों की खरीद तो जिले में हुई ही नहीं। ऐसे में सरसों को किसानों ने स्थानीय व्यापारी या फिर मण्डियों में औने-पौने दामों में ही बेचनी पड़ी। दौसा जिला मुख्यालय पर गेहूं खरीद के सेंटर नहीं रख कर उसको लवाण कर दिया। इससे अधिकांश किसान लवाण गेहूं बेचने गए ही नहीं।