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जयपुर

गेम ऑन से ओवर तक रहस्य और रोमांच के डिफरेंट लेवल

निर्देशक अश्विन सरवनन की तापसी पन्नू अभिनीत फिल्म ‘गेम ओवर’ की कहानी वीडियो गेम की तर्ज पर बुनी गई है, जो कि एक अलग रोमांच का अनुभव देती है।

जयपुरJun 14, 2019 / 02:08 pm

Aryan Sharma

Jaipur

गेम ऑन से ओवर तक रहस्य और रोमांच के डिफरेंट लेवल

डायरेक्शन : अश्विन सरवनन
राइटिंग : अश्विन, काव्या रामकुमार
डायलॉग्स : श्रुति मदान
म्यूजिक : रॉन एथन योहान
सिनेमैटोग्राफी : ए. वसंत
एडिटिंग : रिचर्ड केविन
रनिंग टाइम : 102.37 मिनट
स्टार कास्ट : तापसी पन्नू, विनोदिनी वैद्यनाथन, संचना नटराजन, अनीश कुरुविल्ला, राम्या सुब्रमनियन, पार्वती टी
आर्यन शर्मा/जयपुर. नयनतारा अभिनीत तमिल हॉरर फिल्म ‘माया’ (2015) के डायरेक्टर अश्विन सरवनन अब ‘गेम ओवर’ लेकर आए हैं। तमिल-तेलुगू में बनी इस साइकोलॉजिकल थ्रिलर को हिंदी में डब करके रिलीज किया गया है। फिल्म में तापसी पन्नू लीड रोल में हैं। फिल्म में कई ऐसे दृश्य हैं, जो वाकई में रोंगटे खड़े कर देते हैं। यही नहीं, फिल्म के कथानक में वीडियो गेम की तर्ज पर मल्टी लेयर और लेवल हैं, जो रोमांच की सैर कराते हैं। कहानी की शुरुआत दिसंबर 2017 में गुरुग्राम में रहने वाली एक 27 वर्षीय लड़की अमृता का बेरहमी से कत्ल किए जाने से होती है। इसके एक साल बाद गुरुग्राम में ही रहने वाली वीडियो गेम डिजाइनर और वीडियो गेम एडिक्ट सपना (तापसी) के साथ कुछ अजीब होने लगता है। वह अंधेरे से डरती है और मेंटल डिसऑर्डर ‘एनिवर्सरी रिएक्शन’ से जूझ रही है। यही नहीं, उसका एक भयावह पास्ट भी है। इस कारण उसे पैनिक अटैक आते हैं। उसने हाथ पर टैटू बनवा रखा है, जिसमें उसे दर्द महसूस है। इस संबंध में जब वह टैटू आर्टिस्ट के पास जाती है तो उसे पता चलता है कि यह मेमोरियल टैटू है, जो गलती से उस इंक से बनाया गया है, जिसमें एक साल पहले मारी गई अमृता की राख मिली हुई थी। इसके बाद कहानी में रोमांच का ‘गेम ऑन’ हो जाता है।
वीडियो गेम की तरह डिजाइन की गई पटकथा
डायरेक्टर अश्विन ने राइटर काव्या रामकुमार के साथ पटकथा को वीडियो गेम थीम पर बुनने का प्रयास किया है। स्क्रीनप्ले एंगेजिंग है, लेकिन कई जगह कन्फ्यूज भी करता है। थ्रिलर और सुपरनैचुरल लेयर के साथ फिल्म में वीडियो गेम के माफिक इंटरेस्टिंग लेवल भी हैं। खासकर ‘गेम ओवर’ होने से पहले यानी क्लाइमैक्स में जिस तरह से तीन लेवल रखे गए हैं, वो काफी रोचक हैं। हालांकि इन सबके बीच कथानक में कई खामियां हैं। कुछ सवाल मन में ही दबे रह जाते हैं। अश्विन ने निर्देशन पर पकड़ बनाए रखने की अच्छी कोशिश की है। ‘पिंक’, ‘नाम शबाना’, ‘मुल्क’, ‘मनमर्जियां’, ‘बदला’ जैसी फिल्मों में डिफरेंट फ्लेवर के रोल कर चुकी तापसी ‘गेम ओवर’ के अपने कैरेक्टर में स्ट्रेस, डर, लाचारी, इमोशंस जैसे मल्टी लेयर भावों को जीने में सफल रही हैं। सपना की हाउस हेल्पर और साथी की भूमिका में विनोदिनी वैद्यनाथन का काम अच्छा है। संचना नटराजन का ट्रैक दिल दहला देने वाला है। राम्या का काम ठीक है। बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म के रोमांच को गति देता है। सिनेमैटोग्राफी आकर्षक है।
क्यों देखें : ‘गेम ओवर’ में साइकोलॉजिकल, हॉरर व स्प्रिचुअल ट्विस्ट्स के साथ थ्रिल क्रिएट किया गया है। तापसी की एक्टिंग के साथ कुछ खौफनाक दृश्य प्रमुख आकर्षण हैं। ऐसे में अगर आप सस्पेंस-थ्रिलर फिल्में पसंद करते हैं तो सिनेमाघर में जाकर ‘गेम ओवर’ के डिफरेंट लेवल का आनंद ले सकते हैं…।

रेटिंग : 2.5 स्टार

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