आर्यन शर्मा/जयपुर. फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के मीडिया एडवाइजर रहे संजय बारू की इसी टाइटल की बुक पर बेस्ड है। इस फिल्म में संजय की नजर से प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन, उस समय पीएमओ की स्थिति और पार्टी पॉलिटिक्स को दिखाया गया है। यह फिल्म डॉ. मनमोहन (अनुपम खेर) और संजय बारू (अक्षय खन्ना) के इर्द-गिर्द घूमती है। संजय सूत्रधार की तरह मूवी की कहानी को नरेट करते हैं। कहानी में दिखाया है कि सोनिया गांधी के यूपीए गवर्नमेंट में प्रधानमंत्री बनने से इनकार करने पर डॉ. मनमोहन को पीएम बनाया जाता है, लेकिन इसके बाद परिस्थितियां डॉ. मनमोहन के लिए आसान नहीं होती। ऐसे में उनके मीडिया एडवाइजर संजय बारू मीडिया में उनकी बेहतर छवि बनाने के लिए प्रयास करते रहते हैं। मगर इस बीच हमेशा 10 जनपथ का प्रेशर भी प्रधानमंत्री पर हावी दिखाया गया है।
अनुपम और अक्षय की अच्छी परफॉर्मेंस
फिल्म में राइटिंग पर ज्यादा फोकस नहीं किया गया। चूंकि फिल्म संजय बारू की किताब पर है तो वह अधिक प्रभावी नजर आ रहे हैं। निर्देशक विजय रत्नाकर गुट्टे का प्रयास अच्छा है। फिल्म में उन्होंने कुछ रीयल फुटेज यूज किए हैं। हालांकि यह डॉक्यू-ड्रामा जैसी लगती है। फिल्म में न्यूक्लियर डील, 2जी स्कैम के साथ ही सोनिया गांधी को पीएम को डिक्टेट करते दिखाया है। संजय के किरदार में अक्षय माइंड-ब्लोइंग लगे हैं। वहीं डॉ. मनमोहन के हाव-भाव, बोलने के अंदाज को अनुपम खेर ने पकडऩे की अच्छी कोशिश की है, पर कई सीन में उनकी चाल-ढाल ओवर लगी है। सुजैन बर्नेट ने सोनिया गांधी की भूमिका ठीक से निभाई है।
क्यों देखें :‘द एक्सीडेंटल…’ पॉलिटिकल ड्रामा है। निर्देशक ने घटनाओं को बुक की डिटेल के अनुसार ही दिखाने का प्रयास किया है। फिल्म में कई खामियां हैं, मगर इसके बावजूद राजनीतिक बिसात की चालें जानने के लिए यह फिल्म देख सकते हैं।
रेटिंग : 2.5 स्टार