प्रदेश के सबसे बडे अस्पताल में आग——ऐसे मरीजों को लेकर भागे परिजन
प्रदेश के सबसे बडे अस्पताल में आग——ऐसे मरीजों को लेकर भागे परिजन
प्रदेश के सबसे बडे अस्पताल में आग——ऐसे मरीजों को लेकर भागे परिजन
प्रदेश के सबसे बडे अस्पताल में आग——ऐसे मरीजों को लेकर भागे परिजन
एसएमएस अस्पताल के बांगड परिसर स्थित कॉर्डियोलॉजी विभाग की कैथ लैब में शॉर्ट सर्किट से आग लगने के पन्द्रह दिन बाद ही आज सुबह यहां दूसरी मंजिल पर स्थित सीटी सर्जरी विभाग के आॅपरेशन थिएटर के स्टोर में करीब 5 बजे भीषण आग लग गई। स्टोर में लगी भीषण आग के धुंऐ से वहीं थिएटर के पास स्थित सीटी सर्जरी आईसीयू से लेकर पूरे बांगड परिसर के सभी वार्डो में धुंआ भर गया।
अचानक भरे धुंऐ से आईसीयू और वार्डों में भर्ती मरीज ओर उनके परिजनों की सांसें थम गई। स्टोर में आग लगने की जानकारी मिलते ही पूरे बांगड परिसर में भर्ती मरीजों में हडकंप मच गया। पूरे घटनाक्रम के दौरान अस्पताल प्रशासन की जबरदस्त लापरवाही सामने आई। सेमी आईसीयू की आॅक्सीजन लाइन चालू नहीं थी तो दूसरी ओर मरीजों को दूसरी जगह ले जाने के लिए स्ट्रेचर तक नहीं मिले और मरीजों को किसी तरह परिजन गोद में उठा कर भागे। तीन घंटे तक पूरे बांगड परिसर में अफरा तफरी का माहौल रहा।
जहां आग लगी वहां से 12 कदम पर आईसीयू में 12 मरीज
सीटी सर्जरी आॅपरेशन थिएटर के पास स्टोर धूं धू करके जलने लगा और धुंआ सबसे पहले थिएटर के पास बने 12 बेड के सीटी सर्जरी आईसीयू में भरा। यहां अचानक धुंआ भरने लगा तो वहां भर्ती मरीजों की सांसे थम गई। मरीजों में चीख पुकार मची तो हाहाकार मच गया। मरीजों के परिजन मरीजों को उठा कर बाहर भागे। नर्सिंग कर्मियों ने आईसीयू के मरीजों को सीटी सर्जरी वार्ड के सेमी आईसीयू में शिफ्ट किया।
सेमी आईसीयू में सिलेंडरों का टोटा—आॅक्सीजन लाइन बंद
नर्सिंग कर्मियों ने आईसीयू से मरीजों को निकाल कर वार्ड के सेमी आईसीयू में भर्ती को कर दिया लेकिन जो मरीज आईसीयू में आॅक्सीजन पर थे उनको वहां कुछ ही देर में तकलीफ होने लगी लेकिन वहां आॅक्सीजन की कोई व्यवस्था नहीं थी। अफरा तफरी मची तो पता चला कि सेमी आईसीयू में आॅक्सीजन लाइन बंद थी। आनन फानन में एक दर्जन आॅक्सीजन सिलेंडर मंगा कर आॅक्सीजन सप्लाई शुरू की गई तब जाकर मरीजों की जान में जान आई।
स्ट्रेचर तक नहीं मिला—मरीज पैदल ही भागे जान बचाने के लिए
आग सीटी सर्जरी विभाग के आॅपरेशन थिएटर के स्टोर में लगी और धुआं कॉर्डियोलॉजी विभाग से होता हुआ न्यूरो सर्जरी विभाग तक पहंंच गया। मरीज धुंआ देख कर भागने लगे। अस्पताल प्रशासन के अधिकारियेां ने मरीजो को यह तो बताया कि वैकल्पिक व्यववस्था डे केयर सेंटर में कर दी गई है लेकिन मरीजों को वहां शिफ्ट करने के लिए न तो स्ट्रेचर दिए गए और न ही व्हील चेयर। परिजन मरीजों को गोद में लेकर भागते रहे।
तीन घंटे बाद वार्ड में लोटे तो भी कंधों पर
तीन घंटे की कोशिश के बाद बांगड में हालात समान्य हुए तो डे केयर सेंटर से मरीज वापस वार्डों में लौटने लगे। लेकिन वार्ड में लौटते समय भी उनको न स्ट्रेचर मिले और न ही व्हील चैयर। मरीज अपने परिजनों के कंधों पर ही वहां गए और कंधों पर ही वार्डो में लौटे।
आग बांगड परिसर के दूसरी मंजिल स्थित सीटी सर्जरी विभाग के
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