व्यवस्थाओं के लिए प्रशासन को किया निर्देशित इस दौरान सीएम को बताया गया कि वर्तमान में चम्बल दो मीटर और ऊपर जा सकती है। इसमें 18 लाख क्यूसेक पानी चल रहा है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने पुलिस लाइन स्थित हेलीपैड पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि चम्बल किनारे स्थित गांवों में दिक्कत है। जहां लोग घरों से बेघर हुए हैं, उनके लिए भोजन-पानी, दवाइयों तथा ठहरने की व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित कर दिया है। लगातार व्यवस्थाएं की जा रही हैं। सरकार की जिम्मेदारी है कि लोगों को इस मुसीबत से बाहर निकाले, जिसके लिए हम प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में हैं, जिले में कोई जनहानि नहीं हुई है। हालांकि वर्षाजनित हादसों से प्रदेश भर में 54 लोगों की मौत हुई है। लेकिन प्रदेश में बिहार-आसाम जैसे हालात नहीं हैं, कि पूरा एरिया और पूरे गांव डूब गए हों और नावें चल रही हों। बाढ़ का पानी उतर जाने के बाद सर्वे कराया जाएगा, जिसमें फसलों के अलावा घरों व मवेशियों को हुए नुकसान का जायजा लिया जाएगा। इसके बाद ही राहत पैकेज की बात की जाएगी।
वहीं धौलपुर से निकल रहे लाखों क्यूसेक पानी को रोकने के लिए प्रोजेक्ट के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट की चुनाव के दौरान घोषणा हुई थी, लेकिन इसके लिए अभी ना तो मध्यप्रदेश सरकार से चर्चा हुई और ना ही डीपीआर का कार्य शुरू हुआ है। यह महत्वाकांक्षी तथा बड़ी परियोजना है। इसको कैसे आगे बढ़ाया जाए, इसके लिए हम प्रयास करेंगे।