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जयपुर

सीएम गहलोत ने चम्बल नदी का देखा बहाव, हवाई दौरा कर लिया बाढ़ का जायजा

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( CM Ashok Gehlot ) ने सोमवार दोपहर को बाढ़ के हालात वाले इलाकों ( Flood in Rajasthan ) कोटा, बूंदी, झालावाड़ के बाद धौलपुर जिले में हवाई मार्ग से बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। साथ ही धौलपुर से गुजर रही चम्बल नदी स्थित पुराने पुल पर जाकर नदी के बहाव को देखा, जो वर्ष 1996 के बाद पहली बार इस स्तर पर पहुंची है।

जयपुरSep 17, 2019 / 01:46 am

abdul bari

धौलपुर.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( CM Ashok Gehlot ) ने सोमवार दोपहर को बाढ़ के हालात वाले इलाकों ( Flood in Rajasthan ) कोटा, बूंदी, झालावाड़ के बाद धौलपुर जिले में हवाई मार्ग से बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। साथ ही धौलपुर से गुजर रही चम्बल नदी स्थित पुराने पुल पर जाकर नदी के बहाव को देखा, जो वर्ष 1996 के बाद पहली बार इस स्तर पर पहुंची है।
सीएम ने ली जानकारी ( dholpur news )

इस दौरान उन्होंने जिला कलक्टर नेहा गिरी तथा सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता सुरेश मीणा से चम्बल नदी में वर्तमान गेज 143.20 मीटर के अलावा कितना पानी आएगा और क्या स्थिति पैदा हो सकती है, किन-किन गांवों में पानी बढ़ सकता है, इसका फीडबैक लिया।

व्यवस्थाओं के लिए प्रशासन को किया निर्देशित

इस दौरान सीएम को बताया गया कि वर्तमान में चम्बल दो मीटर और ऊपर जा सकती है। इसमें 18 लाख क्यूसेक पानी चल रहा है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने पुलिस लाइन स्थित हेलीपैड पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि चम्बल किनारे स्थित गांवों में दिक्कत है। जहां लोग घरों से बेघर हुए हैं, उनके लिए भोजन-पानी, दवाइयों तथा ठहरने की व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित कर दिया है। लगातार व्यवस्थाएं की जा रही हैं। सरकार की जिम्मेदारी है कि लोगों को इस मुसीबत से बाहर निकाले, जिसके लिए हम प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में हैं, जिले में कोई जनहानि नहीं हुई है। हालांकि वर्षाजनित हादसों से प्रदेश भर में 54 लोगों की मौत हुई है। लेकिन प्रदेश में बिहार-आसाम जैसे हालात नहीं हैं, कि पूरा एरिया और पूरे गांव डूब गए हों और नावें चल रही हों। बाढ़ का पानी उतर जाने के बाद सर्वे कराया जाएगा, जिसमें फसलों के अलावा घरों व मवेशियों को हुए नुकसान का जायजा लिया जाएगा। इसके बाद ही राहत पैकेज की बात की जाएगी।

वहीं धौलपुर से निकल रहे लाखों क्यूसेक पानी को रोकने के लिए प्रोजेक्ट के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट की चुनाव के दौरान घोषणा हुई थी, लेकिन इसके लिए अभी ना तो मध्यप्रदेश सरकार से चर्चा हुई और ना ही डीपीआर का कार्य शुरू हुआ है। यह महत्वाकांक्षी तथा बड़ी परियोजना है। इसको कैसे आगे बढ़ाया जाए, इसके लिए हम प्रयास करेंगे।
इस दौरान उनके साथ स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ( shanti dhariwal ) तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री भंवरलाल मेघवाल थे।

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