उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘जसवंत सिंह जी ने हमारे देश की सेवा पूरी मेहनत से की, पहले एक सैनिक के रूप में और बाद में राजनीति के साथ अपने लंबे जुड़ाव के दौरान। वाजपेयी की सरकार के दौरान, उन्होंने महत्वपूर्ण विभागों को संभाला और वित्त, रक्षा और विदेश मामलों में एक मजबूत छाप छोड़ी। उनके निधन से दुखी हूं।’
जसवंत सिंह के निधन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री जसवंत सिंह जी के निधन से गहरा दुख हुआ। उन्होंने रक्षा मंत्रालय के प्रभारी सहित कई क्षमताओं में देश की सेवा की। उन्होंने खुद को एक प्रभावी मंत्री और सांसद के रूप में प्रतिष्ठित किया।’
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी उनके निधन पर शोक जताते हुए संवेदनाएं व्यक्त की है और दुख की इस घड़ी में परिवार को साहस प्रदान की प्रार्थना ईश्वर से की है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने ट्वीट किया कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह जसोल जी के निधन की खबर पाकर अत्यंत दुःख पहुंचा। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिजनों को संबल दें।
गौरतलब है कि 7 अगस्त 2014 को जसवंत सिंह बाथरूम में गिर गए थे और उन्हें सिर में गंभीर चोट लगी थी। उन्हें इलाज के लिए दिल्ली में सेना के अनुसंधान और रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह तब से ही कोमा की हालत में थे।
लंबे समय तक सांसद रहे जसवंत सिंह
3 जनवरी 1938 को जन्मे जसवंत सिंह जसोल पूर्व केंद्रीय मंत्री होने के साथ भारतीय सेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी भी थे। वह भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे। वह भाजपा के टिकट पर पांच बार राज्यसभा (1980, 1986, 1998, 1999, 2004) और चार बार (1990, 1991, 1996, 2009) लोकसभा के लिए चुने गए।
वाजपेयी सरकार (1998-2004) के दौरान उन्होंने कई बार वित्त, विदेश मामलों और रक्षा के कैबिनेट विभागों को संभाला। उन्होंने योजना आयोग (1998-99) के उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। 2004 में अपनी पार्टी के सत्ता से बाहर होने के बाद जसवंत सिंह ने 2004 से 2009 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया।