गहलोत ने बताया कि इसके लिए संबंधित जिला कलक्टरों ने स्थानीय सिख संगठनों के साथ चर्चा करके आवश्यक प्रबंध किए हैं। उन्होंने कहा कि समाज में भाईचारे और सामाजिक समरसता का संदेश देने वाले गुरु नानक देवजी के इस प्रकाश पर्व पर सिख धर्मावलम्बियों के सुल्तानपुर लोधी की यात्रा में सहूलियत के लिए विशेष बसें संचालित करने के निर्देश दिए थे।
गहलोत ने कि अलवर, बूंदी, कोटा, जयपुर, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर जिलों से सुल्तानपुर लोधी के लिए निशुल्क बस सेवा उपलब्ध रहेगी। उल्लेखनीय है कि सर्वाधिक 50 बसें गंगानगर जिले के गंगानगर, सूरतगढ़, सादुलशहर, रायसिंहनगर, विजयनगर, जैतसर, अनूपगढ़, घड़साना, करणपुर, पदमपुर और केसरीसिंहपुर से संचालित होंगी। इसी प्रकार, बीकानेर से 10 बसें, जोधपुर से तीन बसें, कोटा से तीन बसें और जयपुर के राजापार्क से 3-5 बसें तथा अन्य जिलों अलवर, बूंदी, हनुमानगढ़ से आवश्यकतानुसार पर्याप्त संख्या में बसें सुल्तानपुर लोधी जाने के लिए रवाना होंगी।
गुरु नानक जयंती 12 नवंबर को है। नानक देव जी की जयंती कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। गुरु नानक देव जी सिखों के प्रथम गुरु थे। गुरु नानक देव जी ने ही श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की नींव रखी थी। गुरु नानक के अनुयायी उन्हें नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं। गुरु नानक जी के जन्म दिवस के दिन गुरु पर्व या प्रकाश पर्व मनाया जाता है। गुरु नानक देव जी का जन्म राय भोई की तलवंडी नाम की जगह पर हुआ था, जो अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित ननकाना साहिब में है।