यह जानकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में ज्यादातर अस्पतालों को कोविड फ्री कर दिया गया है, फिर भी सरकार ने प्रदेशभर में चलाई जा रही मोबाइल ओपीडी वैन के जरिए आमजन को और अधिक राहत देने के लिए निशुल्क दवा और जांच योजना की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। कोरोना के अलावा बीमारियों के उपचार के लिए प्रदेश में चल रही मोबाइल ओपीडी वैन के जरिए हजारों लोग प्रतिदिन चिकित्सा सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि एंटीजन टेस्ट की जांच सही नहीं पाए जाने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने आईसीएमआर को एंटीजन टेस्ट पर पुनर्विचार और इसकी गुणवत्ता में सुधार करने के लिए लिखा है। पूर्व में भी राज्य सरकार ने रेपिड टेस्टिंग किट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए, उसके बाद केंद्र सरकार को देशभर में किट के इस्तेमाल पर रोक लगानी पड़ी थी।
उन्होंने बताया कि कोरोना में प्लाज्मा थेरेपी अहम पद्धति साबित हुई है। जिन लोगों को थेरेपी दी गई थी, वे अब पूरी तरह स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। लोगों में प्लाज्मा दान के प्रति अब जागरूकता आने लगी है। जो लोग कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हुए हैं, वे आगे आकर अपना प्लाज्मा दान कर रहे हैं। पिछले दिनों झुंझनूं में 48 लोगों ने प्लाज्मा दान किया है। जोधपुर के कलेक्टर ने पॉजिटिव से नेगेटिव होने के बाद प्लाज्मा दान कर लोगों की प्रेरणा बने हैं। जोधपुर में प्लाज्मा कैंप लग रहा है, पाली व अन्य जिलों में व्यापक स्तर पर कैंप आयोजित कर लोगों को प्लाज्मा दान के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में पॉजिटिव केसेज के मामलों में बढ़ोतरी हुई लेकिन बढ़ती संख्या के पीछे ज्यादा जांचें होना भी है। प्रदेश में 32 हजार से ज्यादा जांचें प्रतिदिन की जा रही हैं। ज्यादा लोग असिंप्टोमेटिक हैं, ऐसे में जितनी ज्यादा जांचें होंगी उतनी ही जल्द हम कोरोना के प्रसार को थाम सकेंगे। सरकार का लक्ष्य बेहतर रिकवरी और कोरोना से होने वाली मृत्युदर को कम करना है।