डीसीपी विकास शर्मा ने बताया कि पूछताछ में आरोपी से खुलासा हुआ है कि पाइप लाइन में वॉल्व लगाने के लिए उत्तर प्रदेश से तकनीकी में माहिर कंपनी के कर्मचारी शमशेर को लेकर आया था। सुरक्षित वॉल्व लगाने पर शमशेर को 50 हजार रुपए दिए थे। जबकि किराए के मकान से पाइप लाइन तक जमीन में करीब 20 फुट नीचे सुरंग खोदने के लिए जयपुर स्थित दादी के फाटक से मजदूर लेकर गया। मजदूरों ने सुरंग खोदने में असमर्थता जताई। तब सरगना सरदार सिंह ने अपनी दूसरी पत्नी के दिल्ली निवासी भाई रिंकू वर्मा, उसके साले राकेश, कपिल और पंजाब से सनी, जिंदर व रज्जी, बलजीत को जयपुर लेकर आया था।
3 माह में खोदी सुरंग
डीसीपी विकास शर्मा ने बताया कि सभी आरोपियों ने जयपुर आने के बाद तीन माह तक थोड़ी-थोड़ी खुदाई कर सुरंग खोदी। सुरंग खोदने पर निकलने वाली मिट्टी को आस-पास के क्षेत्र के खाली भूखंडों में रात्रि को फैला देते। इससे मिट्टी का भी पता नहीं चल सके। पाइप लाइन में वॉल्व लगने के बाद गंध को दबाने के लिए दिखाने के लिए फिनाइल का काम करने लगे और घर पर फिनाइल भी रखते थे।
एक कड़ी पकड़ी, दो अभी बाकी
डीसीपी शर्मा ने बताया कि सरगना सरदार सिंह के पकड़े जाने पर एक कड़ी का खुलासा हुआ है। वहीं अभी इस गैंग से डिमांड करने वाले करीब दस पेट्रोल पंपों की पहचान हुई है। लेकिन अभी एक पेट्रोल पंप संचालक गिरफ्तार हुआ है। अन्य की गिरफ्तारी शेष है। वहीं इसी मामले में सरदार सिंह से आगे वाली कड़ी के संबंध में पूछताछ करनी है।
शर्मा ने बताया कि सरदार सिंह से डीजल चोरी के बाद निवाई का एक व्यक्ति टैंकर लेकर जाता था। बताते हैं कि एक गैंग हनुमानगढ़ में सक्रिय है, जो चोरी का डीजल खरीदकर कम दामों में बेचती है। टैंकर ले जाने वाला भी उक्त गैंग के संपर्क में है। हनुमानगढ़ वाली गैंग को पकडऩा शेष है।