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जयपुर

Full Moon: आप रहें सावधान!

Full Moon: आप रहें सावधान!

जयपुरSep 12, 2019 / 02:26 pm

sangita chaturvedi

Full Moon: आप रहें सावधान!

Full Moon: आप रहें सावधान!

Full Moon: 13 सितंबर को फुल मून नजर आएगा… इसे हार्वेस्ट मून के नाम से भी जाना जाता है… कई सालों बाद ऐसा संयोग बन रहा है… नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि लोग हार्वेस्ट मून को देख सकते हैं.. लेकिन आपको को इस फुल मून से बचकर रहना होगा… इसके पीछे कोई धार्मिक कारण नहीं है.. बल्कि साइंस है.. साइंस के मुताबिक चांद आपको बीमार बना सकता है… जी हां ये जानने के बाद हैरान न हों.. सामान्य तौर पर चांद का सेहत से कोई रिश्ता नजर नहीं आता। मगर दुनिया भर में कई ऐसे रिसर्च हुए हैं, जो चांद का सेहत से कनेक्शन जोड़ते नजर आते हैं। खासतौर पर फुल-मून यानी वह वक्त जब चांद, धरती के करीब होता है, तब इसका असर इंसान के शरीर पर भी पड़ता है।ये हकीकत है कि चांद के घटने और बढऩे से हमारी सेहत काफी हद तक प्रभावित होती है… इसकी पुष्टि कई शोधों के माध्यम से वैज्ञानिकों ने भी की है। आपको बताते हैं कि कैसे सेहत पर चांद की कलाओं का असर पड़ता है.. पूर्णिमा के दिन पृथ्वी पर चन्द्रमा का गुरुत्वाकर्षण बढ़ जाता है। जिससे मूड स्विंग्स होता है… कभी डिप्रेशन फील होता है, तो कभी गुस्सा आता है… कुछ को घबराहट महसूस होती है… चन्द्रमा के बढऩे के साथ लोगों के व्यवहार में तेजी से बदलाव आता है, नींद कम होती है, सिरदर्द की समस्या में वृद्धि और शरीर में तेजी से हॉर्मोन बदलाव होते हैं।जर्नल करंट बायोलॉजी में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक फुल मून से पहले और बाद के चार दिनों में सामान्य नींद की अपेक्षा 30 प्रतिशत कम नींद लोग लेते हैं… इस शोध के लिए 35 प्रतिभागियों को स्लीप लैब में रखा गया। यहां उन्हें बाहर का प्रकाश और घड़ी जैसी सुविधाएं नहीं दी गई और आम दिनों की तरह ही सोने और जागने को कहा गया। नतीजों में सामने आया कि फुल मून के आसपास के दिनों में प्रतिभागियों में नींद लाने वाले हार्मोन मेलाटोनिन का स्तर कम पाया गया। बात करें महिलाओं की, तो लंदन के एक गायनोकोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार लगभग 30 प्रतिशत महिलाओं को मासिक धर्म फुल-मून यानी पूर्णिमा के आसपास के दिनों में होता है। इसके लिए 16 से 25 साल की 826 महिलाओं पर अध्ययन किया गया..जर्नल ऑफ यूरोलॉजी में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, चंद्रमा के पूरे होने पर किडनी यानि गुर्दे की पथरी का दर्द में वृद्धि हो जाती है। जबकि एक अन्य शोध में पाया गया कि फुल मून के दिन यूरिन संबंधी रोग से पीडि़त लोग ज्यादा भर्ती होते हैं। जर्नल इंटरएक्टिव कार्डियोवास्कुल एंड थॉरेसिक सर्जरी में प्रकाशित एक शोध के अनुसार जिन मरीजों की आपातकालीन हार्ट सर्जरी फुल-मून के दौरान हुई, उन्हें रिकवर होने में सिर्फ 10 दिन का समय लगा।जबकि अन्य दिनों में सर्जरी किए जाने पर मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज मिलने में 14-15 दिन का समय लगा।

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